नवे लेखन
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मिसळपाव.कॉमवर प्रकाशित झालेले सर्व प्रकारचे नवीन साहित्य येथे बघता येईल.
प्रकार | लेख | लेखक | प्रतिक्रिया |
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काथ्याकूट | लोगो बदल | जगन्नाथ | 7 |
कलादालन | मम्मा ! | विशाल कुलकर्णी | 8 |
काथ्याकूट | एक निवेदन.. | आणिबाणीचा शासनकर्ता | 22 |
जनातलं, मनातलं | चिंचवड गणपती दर्शन | आजानुकर्ण | 5 |
काथ्याकूट | एक नवे गीत हवे आहे... | नानबा | 3 |
जनातलं, मनातलं | नॉट पेड शुभकामना आणि लोकशाही | अमोल केळकर | 3 |
जे न देखे रवी... | एक उसासा..... | JAGOMOHANPYARE | 3 |
जे न देखे रवी... | या तुम नहीं या हम नहीं | पंकज | 2 |
जे न देखे रवी... | खिडकीकडून खिडकीकडे | रंजन | 1 |
काथ्याकूट | पुजा अर्चा | कौटील्य | 4 |
जे न देखे रवी... | (विडंबन केलं आहे) | बेसनलाडू | 5 |
जे न देखे रवी... | ताई | बेसनलाडू | 8 |
जनातलं, मनातलं | भाषा हरवली म्हणजे अस्तित्व हरवते ? | भोचक | 14 |
जे न देखे रवी... | अजुन एक विडंबन | फ्रॅक्चर बंड्या | 2 |
जनातलं, मनातलं | कर्नाळा - जैत रे जैत | विमुक्त | 27 |
जनातलं, मनातलं | झडती | प्रसन्न केसकर | 40 |
जे न देखे रवी... | अजूनही... अजूनही... | कौतुक शिरोडकर | 1 |
जे न देखे रवी... | विडंबन हव आहे | राधा१ | 13 |
जनातलं, मनातलं | त्या अंधार्या राती काय घडले ( भाग २/२) | पाषाणभेद | 7 |
कलादालन | मुंबईच्या किनार्यावर लाटांचे आक्रमण | अमोल केळकर | 4 |
जे न देखे रवी... | त्सुनामी | विशाल कुलकर्णी | 2 |
काथ्याकूट | मंगलाष्टक हवी आहेत | श्रीयुत संतोष जोशी | 3 |
जे न देखे रवी... | (कविता हवी आहे) | ऋषिकेश | 11 |
जे न देखे रवी... | श्रावणातला पाऊस | क्रान्ति | 4 |
जे न देखे रवी... | ( अजून एक विडंबन केलं आहे) | बामनाचं पोर | 0 |
जनातलं, मनातलं | एक टरकावणारा अनुभव | प्रसन्न केसकर | 23 |
काथ्याकूट | मुंबई महानगर पालिकेचा बेफिकीर कारभार | घाशीराम कोतवाल १.२ | 4 |
पाककृती | वाटली डाळ | स्वाती दिनेश | 18 |
काथ्याकूट | मदत हवी आहे... | पोलिसकाका_जयहिन्द | 12 |
जे न देखे रवी... | आज मला असे का भासले? | श्रीकृष्ण सामंत | 2 |
काथ्याकूट | निफ्टी घेऊन बसा, कॉल विकत रहा.. | विसोबा खेचर | 13 |
जे न देखे रवी... | ए आई, सांग ना, कधी येइल बाबा घरा? | विशाल कुलकर्णी | 9 |
जनातलं, मनातलं | रोगप्रतिबंधाच्या धोरणातला प्राधान्यक्रम | धनंजय | 12 |
काथ्याकूट | संगीत महर्षीने निरोप घेतला! | नीधप | 20 |
जनातलं, मनातलं | ले गई दिल 'दुनिया' जापानकी..१८ | स्वाती दिनेश | 20 |
जनातलं, मनातलं | त्या अंधार्या राती काय घडले | पाषाणभेद | 9 |
जनातलं, मनातलं | मटाची सांगितिक दिवाळखोरी... | विसोबा खेचर | 19 |
काथ्याकूट | ४६१-२७-४ | विकास | 19 |
जनातलं, मनातलं | महिला आघाडीची जुगलबंदी ३ | क्रान्ति | 4 |
जनातलं, मनातलं | चित्रपट (डॉक्युमेंटरी) परीचयः झेटगिस्ट (Zeitgeist) | सुचेल तसं | 4 |
जनातलं, मनातलं | माय, मावशी नि माझी लेक! | भोचक | 22 |
जे न देखे रवी... | हागणदारीमुक्त गाव | फ्रॅक्चर बंड्या | 7 |
जनातलं, मनातलं | हागणदारी मुक्त खेडे | विशाल कुलकर्णी | 20 |
जनातलं, मनातलं | लांडगे आले रे .... आणि परत गेले | आनंद घारे | 9 |
जनातलं, मनातलं | फिरस्ता | दत्ता काळे | 2 |
जनातलं, मनातलं | महिला आघाडीची जुगलबंदी | क्रान्ति | 2 |
जनातलं, मनातलं | महिला आघाडीची जुगलबंदी २ | क्रान्ति | 1 |
जनातलं, मनातलं | भाकरी फिरवणे... साहेबांच्या पक्षाची , टीम इंडियाची व युवराजांच्या लग्नाची... | बामनाचं पोर | 3 |
जनातलं, मनातलं | अंतराळशास्त्रज्ञांना सुचना | अमृतांजन | 81 |
जे न देखे रवी... | मी मिपाकर कसा? | प्रशांत उदय मनोहर | 3 |
जे न देखे रवी... | समर्पण | क्रान्ति | 12 |
जनातलं, मनातलं | चांदन्या!!! | पिवळा डांबिस | 28 |
जनातलं, मनातलं | हास्यमिसळ (१) | निमिष सोनार | 3 |
काथ्याकूट | अमेरिकेचा माज.. | शाहरुख | 39 |
जनातलं, मनातलं | "बट-शेवंतीची फुलझाडं." | श्रीकृष्ण सामंत | 2 |
जनातलं, मनातलं | (शोध रेडीओचा, बोध 'जीवना'चा!) | ३_१४ विक्षिप्त अदिती | 50 |
जे न देखे रवी... | येडु..... | विजुभाऊ | 7 |
जे न देखे रवी... | कधी एके काळी.. | ज्ञानेश... | 2 |
जे न देखे रवी... | अनुवाद | लक्ष्मणसुत | 1 |
काथ्याकूट | खादाडि | leo nardo di caprio | 3 |
जनातलं, मनातलं | शोध स्वरालयीचा, शोध गंधाराचा! | विसोबा खेचर | 31 |
जनातलं, मनातलं | आम्हाला सगळे कळते | अमृतांजन | 0 |
जनातलं, मनातलं | द्रोणीय परिस्थिती! | अमृतांजन | 4 |
पाककृती | श्रावण बिर्याणी | स्नेहश्री | 13 |
जनातलं, मनातलं | एक स्वप्न प्रवास.(४) | विजुभाऊ | 10 |
जनातलं, मनातलं | एक स्वप्न प्रवास (११) | विजुभाऊ | 1 |
जे न देखे रवी... | रिमझिम येता वळवाची सर--- | पुष्कराज | 4 |
जे न देखे रवी... | वाचले जाते विडंबन, मान ते स्थळ आपुले | केशवसुमार | 22 |
जनातलं, मनातलं | Funny Indian Software Development Parody | अमृतांजन | 4 |
जनातलं, मनातलं | कर्मयोगी! (भाग सहावा) | चतुरंग | 11 |