राष्ट्राय स्वाहा: इदं न मम!!!! सौरभ वैशंपायन in जनातलं, मनातलं 27 Aug 2008 - 6:28 pm 3 इतिहाससमाजराजकारणप्रकटनविचारलेखमत
मसाज ... एकपात्री शब्दखेळ भडकमकर मास्तर in जनातलं, मनातलं 27 Aug 2008 - 5:01 pm 3 कलानाट्यसाहित्यिकप्रकटनविचारप्रतिक्रियाआस्वाद
जो भी बिछडें है, कब मिले है फराज़.... मनिष in जनातलं, मनातलं 27 Aug 2008 - 1:44 pm 3 संगीतसंस्कृतीगझललेख
(...आदिम घास...) चतुरंग in जे न देखे रवी... 27 Aug 2008 - 12:47 am 3 कवितामुक्तकविडंबनप्रतिभाविरंगुळा