नवे लेखन
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मिसळपाव.कॉमवर प्रकाशित झालेले सर्व प्रकारचे नवीन साहित्य येथे बघता येईल.
प्रकार | लेख | लेखक | प्रतिक्रिया |
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जे न देखे रवी... | मन कातर कातर... | मृगनयनी | 16 |
काथ्याकूट | गुगल क्रोम | विकास | 28 |
जे न देखे रवी... | ओंडका | स्वाती फडणीस | 5 |
जनातलं, मनातलं | इनोदी आणि कारुण्यपूर्ण | विजुभाऊ | 18 |
काथ्याकूट | आपण यांना पाहिलंत का? | विकेड बनी | 5 |
जनातलं, मनातलं | लालबागच्या राजाचा विजय असो...! | विसोबा खेचर | 1 |
काथ्याकूट | माहिती हवी आहे - महिला रोजगार | भास्कर केन्डे | 6 |
काथ्याकूट | ओरिसा - पोप महाशयांचे दु:ख | भास्कर केन्डे | 20 |
जे न देखे रवी... | आमची मुंबई | वृषाली | 5 |
काथ्याकूट | रावसाहेब ते राजसाहेब - एक वर्तूळ | सुनील | 7 |
जनातलं, मनातलं | बीरयानी खावाला येता क रे बालाव ? | ब्रिटिश | 6 |
पाककृती | कांद्याची पातीची पातळ भाजी ? | बहुगुणी | 4 |
जनातलं, मनातलं | मॅडम... | फटू | 11 |
जनातलं, मनातलं | नकटीच्या लग्नाला... | आपला अभिजित | 1 |
जनातलं, मनातलं | नायागारा धबधब्याजवळील फोटो | धनंजय | 23 |
काथ्याकूट | आदरणिय श्री. सखारामजी गटणे ह्यांचा जाहिर आणि तीव्र निषेध.... | बिपिन कार्यकर्ते | 7 |
जे न देखे रवी... | भास | अनिरुद्ध अभ्यंकर | 42 |
जनातलं, मनातलं | माझं आजोळ आजगांव | श्रीकृष्ण सामंत | 9 |
जनातलं, मनातलं | भ्रमणगाथा-१ म्युनस्टर वारी | स्वाती दिनेश | 43 |
काथ्याकूट | "तुमको भेजा नही" ह्या वाक्यावरून वाद | श्रीकृष्ण सामंत | 0 |
जनातलं, मनातलं | निर्धार | सर्वसाक्षी | 16 |
जनातलं, मनातलं | नकटीच्या लग्नाला... | आपला अभिजित | 0 |
जनातलं, मनातलं | शिवरायांबद्दल परदेशी इतिहासकारांनी काढलेले उद्गार | चिन्या१९८५ | 55 |
जे न देखे रवी... | आमची ही-"मुंबई" | पद्मश्री चित्रे | 7 |
पाककृती | भरलेली पापलेट | वृषाली | 9 |
जे न देखे रवी... | सप्तर्षि | सौरभ वैशंपायन | 10 |
जनातलं, मनातलं | "भेजा म्हणजे रे काय?.... भाऊ" | श्रीकृष्ण सामंत | 35 |
काथ्याकूट | गणपती साठी ? | निसर्ग | 15 |
पाककृती | डब्यातला बटाटा | स्नेहश्री | 10 |
पाककृती | निनावं | पद्मश्री चित्रे | 4 |
जनातलं, मनातलं | ऑनलाईन गणेशोत्सव पहा | तु तिथं मी | 0 |
काथ्याकूट | चायनीज टॉर्चर | विनायक प्रभू | 4 |
जनातलं, मनातलं | आठवणी | मनीषा | 4 |
जनातलं, मनातलं | रामूची आग अन्. आपली होरपळ! | आपला अभिजित | 6 |
जे न देखे रवी... | मातृदिनाच्या निमित्ताने | पद्मश्री चित्रे | 13 |
काथ्याकूट | प्रो.देसायांच्या नातवाचं तत्वज्ञान | श्रीकृष्ण सामंत | 0 |
काथ्याकूट | खंडांळ्याची पार्टी - एका बातमीच्या निमित्ताने | विकास | 36 |
जे न देखे रवी... | फांसे | हेरंब | 1 |
जनातलं, मनातलं | भीती वाटे कुणाला? | देवदत्त | 11 |
जनातलं, मनातलं | जेष्ठ अभिनेत्री जयश्री गडकर यांचे निधन. | रत्नागिरीकर | 25 |
पाककृती | पापड पराठा | तनू | 4 |
जनातलं, मनातलं | दलाल स्ट्रीटची काही वर्षं. | रामदास | 22 |
जे न देखे रवी... | ...आदिम ध्यास... | स्वाती फडणीस | 4 |
जे न देखे रवी... | छायाचित्र क्र. ४ चे परिक्षण | ऋषिकेश | 6 |
जनातलं, मनातलं | माझी फोटोग्राफी - महाबळेश्वर..... | मिंटी | 20 |
जनातलं, मनातलं | भीमाशंकर | ॐकार | 29 |
जे न देखे रवी... | (लावू कशी पाटी मी दुकानला हो ) | अमोल केळकर | 0 |
जनातलं, मनातलं | सिंग इज किंग : शुद्ध व निखळ मनोरंजन नव्हे तर "फसवणुक" !!! | छोटा डॉन | 32 |
जनातलं, मनातलं | चांगल्या बातम्याही वाईट बातम्या सारख्या प्रसारित होऊ शकतात. | श्रीकृष्ण सामंत | 0 |
जनातलं, मनातलं | आम्ही मराठी.... | स्नेहश्री | 35 |
जनातलं, मनातलं | राष्ट्राय स्वाहा: इदं न मम!!!! | सौरभ वैशंपायन | 33 |
जे न देखे रवी... | फोड रे मटका... | ऋषिकेश | 21 |
जनातलं, मनातलं | भयमुक्त -बंधानुरक्त (एक छोटीशी गोष्ट) | मन | 15 |
जे न देखे रवी... | कधी सांगु शकलो नाही तुम्हाला...... | चिंतामणराव | 1 |
जनातलं, मनातलं | पहिल्या मराठी विश्व साहित्य संमेलनाध्यक्षांची 'मिसळपावसाठी' एक धावती मुलाखत | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे | 35 |
जनातलं, मनातलं | आमचा एक विषाणू दिवस | देवदत्त | 5 |
जनातलं, मनातलं | एक स्वप्न प्रवास (९) | विजुभाऊ | 4 |
काथ्याकूट | शिशु वर्ग | विनायक प्रभू | 32 |
जनातलं, मनातलं | सुरस आणि चमत्कारिक | सन्जोप राव | 18 |
जे न देखे रवी... | (...आदिम घास...) | चतुरंग | 4 |
जे न देखे रवी... | झाडाच्या मुळांना मला एकदा विचारायचंय... | अविनाश ओगले | 3 |
जनातलं, मनातलं | जो भी बिछडें है, कब मिले है फराज़.... | मनिष | 12 |
काथ्याकूट | प्रदिप दळवीच्या लेखनाविषयी आपले मत | सुलक्षणा | 19 |
जे न देखे रवी... | सल ... | मनीषा | 3 |
जे न देखे रवी... | जोक | सत्या | 6 |
जनातलं, मनातलं | माझे फोटो - सूर्यास्त | ईश्वरी | 33 |
काथ्याकूट | चुंबकीय क्षेत्र आणि प्राण्यांची उभी रहाण्याची दिशा | ३_१४ विक्षिप्त अदिती | 81 |
जनातलं, मनातलं | वाचु आनंदे! | सौरभ वैशंपायन | 13 |
जे न देखे रवी... | पाहुनी तुमची सोंगेढोंगे | शंकर पु. देव | 1 |
जे न देखे रवी... | फाळणी | सौरभ वैशंपायन | 9 |