दृष्टी |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
13 |
भक्ति गीत: सप्तशॄंग गडावर जायचं |
पाषाणभेद |
2 |
जुळे नवरे, जुळ्या नवर्या |
पाषाणभेद |
6 |
सरकारचे डोकं नक्की ठिकाणावर आहे काय ? |
खिलजि |
17 |
दसरा |
शिव कन्या |
2 |
दो डोळ्यांचे.... |
शिव कन्या |
3 |
ओले केस |
पाषाणभेद |
11 |
एक सुंदर अरबी गाणे : यावर मराठी काव्य रचा... |
चित्रगुप्त |
27 |
...आणि या मार्गानेही खरंच जग जवळ आले |
सचिन |
0 |
वयास माझ्या पैंजण घालित.... |
शिव कन्या |
11 |
तुझ्या भेटीला आलो दत्ता |
पाषाणभेद |
0 |
पाहूणा पाऊस |
पाषाणभेद |
1 |
चिदंबरमच्या भेटी मनमोहन आला |
महासंग्राम |
10 |
(दुपारी) |
ज्ञानोबाचे पैजार |
16 |
दुपार |
शैलेन्द्र |
23 |
विडंबन : सफरचंद |
मी असाकसा वेगळा... |
7 |
क्लायमेट चेंज रियल आहे |
पुणेरी कार्ट |
3 |
गंध अद्वैताचे |
मायमराठी |
4 |
(तुडुंब) |
चतुरंग |
16 |
दोरीवरचे कपडे |
पाषाणभेद |
12 |
स्वरराधा |
प्राची अश्विनी |
9 |
पाय सरावले रस्त्याला |
पाषाणभेद |
4 |
पाणी-च-पाणी |
बी.डी.वायळ |
1 |
शब्द |
अनन्त्_यात्री |
8 |
बिज्जी लेखिकेची आळवणी |
चलत मुसाफिर |
8 |
संध्याकाळी तू गंगेतीरी |
शिव कन्या |
4 |
पहाट |
दिनेश५७ |
0 |
महापूर |
बी.डी.वायळ |
5 |
प्रिये मी मोर झालो तुझ्यासाठी |
खिलजि |
3 |
शोक कुणाला? खंत कुणाला? |
शिव कन्या |
2 |
काण्याला सुंदरी मिळाली देवाघरी |
खिलजि |
2 |
जन्माष्टमी२.* |
शेखरमोघे |
0 |
देवघर |
शिव कन्या |
19 |
कृष्णजन्म |
मायमराठी |
4 |
कावळा.. |
प्राची अश्विनी |
8 |
(रगेल पावट्याचे मनोगत) |
नाखु |
7 |
अश्वत्थामा |
मायमराठी |
1 |
राखी. |
प्राची अश्विनी |
6 |
आसिंधू |
मृणालिनी |
5 |
कविता: बिबट्याचे मनोगत |
bhagwatblog |
6 |
३३ कोटींची मुक्ती |
मायमराठी |
3 |
वाळूचे विरहगीत |
मायमराठी |
10 |
धुरंधर |
खिलजि |
7 |
श्रावण आला गं सखे |
बिपीन सुरेश सांगळे |
8 |
चार थेंब |
मायमराठी |
6 |
मर्लिन मन्रो.... |
जयंत कुलकर्णी |
6 |
सुंदरसा तो पाऊस यावा |
बिपीन सुरेश सांगळे |
0 |
मिळता नजरेस नजर |
अविनाशकुलकर्णी |
5 |
कृष्णछबी |
मायमराठी |
8 |
सरसर सरसर आली सर |
बिपीन सुरेश सांगळे |
8 |
तू मी अन पाऊस |
पाषाणभेद |
6 |
वारी |
मायमराठी |
6 |
दुष्ट दुष्ट बायको! |
अत्रुप्त आत्मा |
27 |
कविता: आज्जी माझी… |
bhagwatblog |
5 |
पावसाच्या धारा |
बिपीन सुरेश सांगळे |
0 |
इंद्रधनू |
पाषाणभेद |
8 |
असं वाटतं ! |
श्वेता२४ |
16 |
चंद्रयान आणि रिलेशनशिप |
पुणेरी कार्ट |
8 |
झरझर झरझर |
शिव कन्या |
16 |
माकडांच्या पुढे नाचली माणसे! |
गंगाधर मुटे |
16 |
लढली अशी कि ती जणू झुन्जीतच वाढली |
खिलजि |
8 |
हा संभ्रम माझा |
चांदणे संदीप |
4 |
अभंग... |
bhagwatblog |
5 |
निर्झर |
पाषाणभेद |
7 |
तुझे शहर |
शिव कन्या |
11 |
""कालचक्र"" |
मृगनयनी |
12 |
माफ करा राजे आम्ही पितो , होय आम्ही पितो |
खिलजि |
5 |
काल धरण बांधिले |
अनन्त्_यात्री |
5 |
आला आला रे आला महिना भादवा |
पाषाणभेद |
31 |
तुझ्या बरमुडा त्रिकोणा चे आकर्षण.... |
अविनाशकुलकर्णी |
35 |