एक भिंत येथे होती

सांजसंध्या's picture
सांजसंध्या in जे न देखे रवी...
6 Mar 2013 - 10:49 am

आज माझ्या गावचा | रस्ता उदास वाटला | वेशीतल्या कमानीचा | खांब का हा वाकला ||१||
एक कामधेनू होती | इवल्याशा आठवांत | दावे भकास आज | भिजले गं आसवात ||२ ||
काळ्या आईस नाही | काळ्या ढगाची भेट | थरथरणा-या मनात | रणरणते ऊन थेट ||३||
एक भिंत येथे होती | उन्हामध्येही ओली | मातीत शुष्क भेग | पडवीत रुंद झाली ||४||
ओठांत आज नाही | हक्काचे एक हासू | आई महागले गं | डोळ्यांतलेही आसू ||५||

- संध्या
०६ मार्च २०१३

करुणकविता

प्रतिक्रिया

मिसळलेला काव्यप्रेमी's picture

6 Mar 2013 - 10:57 am | मिसळलेला काव्यप्रेमी

आई महागले गं | डोळ्यांतलेही आसू ||

__/\__
परत एकदा एक रेखिव रचना.

अत्रुप्त आत्मा's picture

6 Mar 2013 - 11:22 am | अत्रुप्त आत्मा

1
आणी...

एक भिंत येथे होती | उन्हामध्येही ओली | मातीत शुष्क भेग | पडवीत रुंद झाली|| >>> या साठी __/\__

चाणक्य's picture

6 Mar 2013 - 11:06 am | चाणक्य

आवडली

हासिनी's picture

6 Mar 2013 - 11:12 am | हासिनी

सुंदर! आवडली!!

वेल्लाभट's picture

6 Mar 2013 - 11:17 am | वेल्लाभट

अ प्र ति म !

फिझा's picture

6 Mar 2013 - 11:35 am | फिझा

छान कविता !!

सांजसंध्या's picture

8 Mar 2013 - 5:02 pm | सांजसंध्या

सर्वांचे आभार

पैसा's picture

8 Mar 2013 - 7:30 pm | पैसा

आवडली.

जेनी...'s picture

8 Mar 2013 - 10:44 pm | जेनी...

:)

सुधीर's picture

9 Mar 2013 - 2:02 pm | सुधीर

आवडली!