मन विचाराचे घर
मन कृतीचे आगर
मन अथांग सागर
मन मधुर साखर
मन आभाळीचा रंग
मन आत्मरंगी दंग
मन देहाचा आरसा
मन स्नेहाचा वारसा
मन मायेचे माहेर
मन देवाचा आहेर
मन चंचल चंचल
मन कधी अविचल
मन मोकाट मोकाट
मन कधीचे मुकाट
मन धावे सैरावैरा
मन माळावरला वारा
मन गरीब पामर
मन कधी अनावर
मन वेडेही भासते
मन मनात हासते...
प्रतिक्रिया
13 Oct 2016 - 12:35 pm | कविता१९७८
खुपच छान
13 Oct 2016 - 12:46 pm | यशोधरा
मस्त!
13 Oct 2016 - 1:15 pm | कवि मानव
छान !!!
22 Oct 2016 - 12:41 am | शार्दुल_हातोळकर
अरे वा ! जबरदस्त....