आदिप्रश्न

अनन्त्_यात्री's picture
अनन्त्_यात्री in जे न देखे रवी...
9 Mar 2017 - 1:56 pm

धगधगे कोटी सूर्यांचे
स्थंडिल अहर्निश जेथे
का अनादि ब्रह्माण्डाचे
लघुरूप जन्मते तेथे ?

अणुगर्भ कोरुनी बघता
जी अवघड कोडी सुटती
त्या पल्याड पाहू जाता
का शून्य येतसे हाती ?

का अंत असे ज्ञेयाला
की ज्ञान तोकडे ठरते
की सीमा अज्ञेयाची
अज्ञात प्रदेशी वसते ?

कविता माझीमुक्तक

प्रतिक्रिया

चांदणे संदीप's picture

9 Mar 2017 - 2:51 pm | चांदणे संदीप

पण तुमची एक कविता वाचली की "सखाराम गटणेच्या" चालीवर असे म्हणावेसे वाटते की पुढचा आठवडाभर एखादी चारोळीही वाचू नये! ;)

कृहघ्या!

Sandy

अनन्त्_यात्री's picture

9 Mar 2017 - 3:21 pm | अनन्त्_यात्री

धन्यवाद स॑दीप. कृहघ्या म्हणजे?

चांदणे संदीप's picture

9 Mar 2017 - 3:24 pm | चांदणे संदीप

कृपया हलके घ्या! :)

संदीप-लेले's picture

9 Mar 2017 - 4:44 pm | संदीप-लेले

अप्रतिम. थेट विश्र्वनिर्मितीच्या गाभ्यालाच हात घातलात !

अनन्त्_यात्री's picture

10 Mar 2017 - 9:59 am | अनन्त्_यात्री

धन्यवाद, फूत्कार!

अत्रुप्त आत्मा's picture

10 Mar 2017 - 10:35 am | अत्रुप्त आत्मा

वाह!

अनन्त्_यात्री's picture

10 Mar 2017 - 11:06 am | अनन्त्_यात्री

आत्मब॑ध, धन्यवाद !

शार्दुल_हातोळकर's picture

10 Mar 2017 - 3:50 pm | शार्दुल_हातोळकर

कविता आवडली !!

अनन्त्_यात्री's picture

11 Mar 2017 - 5:23 pm | अनन्त्_यात्री

धन्यवाद, शार्दूल!

प्राची अश्विनी's picture

11 Mar 2017 - 6:03 pm | प्राची अश्विनी

आवडली. इतकी धगधगीत की खरंतर "जे देखे रवी" या सदरात जास्त समर्पक ठरेल. :)

धन्यवाद प्राची अश्विनी ! निरुत्तर करणाऱ्या प्रश्नांची धग एखाद्या अस्पष्टपणे ऐकू येणाऱ्या मोहक गीतासारखी पिच्छा सोडत नाही !

पैसा's picture

16 Mar 2017 - 10:46 am | पैसा

कविता खूप आवडली.

अनन्त्_यात्री's picture

16 Mar 2017 - 11:42 am | अनन्त्_यात्री

धन्यवाद, पैसा !

सूड's picture

16 Mar 2017 - 8:21 pm | सूड

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@सूड, स्कोअर-कीपि॓गची अनाहूत सेवा पुरविल्याबद्दल आभार !