अस्वस्थामा...

दिनेश५७'s picture
दिनेश५७ in जे न देखे रवी...
30 Jul 2016 - 11:32 am

आभासी सुखाची शंभर शकले
डोक्यावर मिरवत फिरत होता
एक उन्मत्त अश्वत्थामा...
पोतडीतले उद्याच्या चिंतेचे
बाटलीबंद भूत
पाठीवरल्या गाठोड्यातून
शोधत होते सुटकेचा रस्ता ...
निराश सुस्काऱ्याचे फवारे
शकलांच्या सुकल्या खपल्या भेदून
चौफेर उसळत धावत सुटले
भळाळत्या चिळकांड्या
कारंजी होऊन नाचू लागल्या...

बाटलीतलं भूत बाहेर काढून
रिती बाटली फिरवत
अस्वस्थ अश्वत्थामा फिरतोय
दारोदार, तेलाची भीक मागत...

बाटलीतलं भूत आता
मानगुटीवर बसलंय!!

कवितामुक्तक

प्रतिक्रिया

यशोधरा's picture

30 Jul 2016 - 12:07 pm | यशोधरा

अस्वस्थामा :)

आवडली कविता.

अस्वस्थामा येऊन मानगूट धरतील बर्का...

उडन खटोला's picture

30 Jul 2016 - 12:16 pm | उडन खटोला

अ'श्व'- अश्वत्थामा.
बाकी ठीकठाक.

दिनेश५७'s picture

30 Jul 2016 - 12:29 pm | दिनेश५७
दिनेश५७'s picture

30 Jul 2016 - 12:29 pm | दिनेश५७

हममम

माम्लेदारचा पन्खा's picture

30 Jul 2016 - 1:42 pm | माम्लेदारचा पन्खा

कॉलिंग प्रत्यक्ष अस्वस्थामा.....!

अस्वस्थामा's picture

30 Jul 2016 - 3:23 pm | अस्वस्थामा

ओ मालक.. आमचा कॉपीराईट आयडी हय राव.
तरीपण धन्यवाद. ;)

(आदुबाळा, मी मानगूट धरतो व्हय रे?)

दिनेश५७'s picture

30 Jul 2016 - 4:02 pm | दिनेश५७

बापरे... म्हंजे खरंच आसतंय की!!

कविता१९७८'s picture

30 Jul 2016 - 5:10 pm | कविता१९७८

मस्त कविता