विवेकपटाईत in जे न देखे रवी... 16 Dec 2014 - 8:00 pm धुक्यात उमटली चित्रे काही त्यास समजलो जीवन नाती. धुक्यातली नाती धुक्यात विरली जीवन यात्री उदास एकाकी. कविता प्रतिक्रिया छान 16 Dec 2014 - 8:01 pm | मिसळलेला काव्यप्रेमी छान ह्म्मं..... 16 Dec 2014 - 8:07 pm | आयुर्हित सेंटी झालात काका! छान 16 Dec 2014 - 10:40 pm | Yash छान आहे. ................. 16 Dec 2014 - 11:07 pm | अत्रुप्त आत्मा ................. छान ! 17 Dec 2014 - 7:23 am | चुकलामाकला छान ! इतके सेंटी नका होवू... 17 Dec 2014 - 8:23 am | मुक्त विहारि छान गुलाबी थंडी पडली आहे... मस्त खा, प्या, मजा करा... बाकी, कविता मस्तच
प्रतिक्रिया
16 Dec 2014 - 8:01 pm | मिसळलेला काव्यप्रेमी
छान
16 Dec 2014 - 8:07 pm | आयुर्हित
सेंटी झालात काका!
16 Dec 2014 - 10:40 pm | Yash
छान आहे.
16 Dec 2014 - 11:07 pm | अत्रुप्त आत्मा
.................
17 Dec 2014 - 7:23 am | चुकलामाकला
छान !
17 Dec 2014 - 8:23 am | मुक्त विहारि
छान गुलाबी थंडी पडली आहे...
मस्त खा, प्या, मजा करा...
बाकी, कविता मस्तच