चामुंडराय in जे न देखे रवी... 16 Apr 2019 - 8:19 am प्रेर्ना - चंद्राची चांदणी - ओळखा पाहू तू चांदणी माझी शांत, सोज्वळ, साजिरी तुज चुम्बण्या तुज मागे धावणारा उठवळ अश्व मी .... घेऊन कवेत तुला निखळ उब अंगी भरावी प्रणय करावा मी एव्हढा की लाजावी मजसमोरची चांदणी .... विडंबन प्रतिक्रिया वाह! शृंगारिक विडंबन. भारी! 16 Apr 2019 - 11:30 am | सोन्या बागलाणकर वाह! शृंगारिक विडंबन. भारी! _/\_ 18 Apr 2019 - 7:44 am | चामुंडराय . मस्त... 16 Apr 2019 - 1:57 pm | ज्ञानोबाचे पैजार आहो दाजीबा गावात होईल शोभा हे वागन बर नव्ह पैजारबुवा, पैजारजी 18 Apr 2019 - 1:16 am | लीलाधर अहो अता शोभा नै कै सध्या शेनयाचे म्हणजेच शनायाचे दिस सुरु हैत चंद्रमुखी हो या पारो ..... लीला हो या पैजारो ..... 18 Apr 2019 - 7:43 am | चामुंडराय चंद्रमुखी हो या पारो ..... लीला हो या पैजारो .....
प्रतिक्रिया
16 Apr 2019 - 11:30 am | सोन्या बागलाणकर
वाह!
शृंगारिक विडंबन. भारी!
18 Apr 2019 - 7:44 am | चामुंडराय
.
16 Apr 2019 - 1:57 pm | ज्ञानोबाचे पैजार
आहो दाजीबा गावात होईल शोभा हे वागन बर नव्ह
पैजारबुवा,
18 Apr 2019 - 1:16 am | लीलाधर
अहो अता शोभा नै कै सध्या शेनयाचे म्हणजेच शनायाचे दिस सुरु हैत
18 Apr 2019 - 7:43 am | चामुंडराय
चंद्रमुखी हो या पारो .....
लीला हो या पैजारो .....