[शतशब्दकथास्पर्धा] - डील

अंतु बर्वा's picture
अंतु बर्वा in स्पर्धा
13 Aug 2015 - 3:17 am

ट्रेन हलली.
"हितेसभाय!"
त्याची तंद्री भंगली.
"अरे दोशीसाब!"
गप्पांवरुन दोघे बिजनेसमन असावेत.
"क्या बताउ, धंदेकी लगी पडी है, सोचता हुं थानावाला दुकान बेच दुं"
"अगर सचमें बेचना चाहते हो तो मै ले लेता हुं"
"सच में? देखो दुकान तो नब्बे तक जा सकता है लेकीन तुम पिचासी दे दो"
"मेरी हालात भी तुमसे अलग नही है, साठ-पैंसठकी बात होती तो सोचता."
"मेरा कर्जाही साठका है. मेरे लिये भी तो कुछ बचना चाहिये ना?"
"यार, तु दोस्त है इस्लिये सत्तर. इससे ज्यादा नही हो पायेगा"
पहिल्याचं स्टेशन आलं……
इकडे फोनवर, "मगनसेठ, एक मस्त डील है, एक खोका तो पक्का..."

प्रतिक्रिया

संदीप डांगे's picture

13 Aug 2015 - 4:54 am | संदीप डांगे

ही हिंदी कथा आहे. फक्त बारा शब्द मराठी.

कोण कोणास काय म्हणाले, ते साठ-सत्तर, खोका काहीही कळलं नाही.

धूर्त गुज्जू बिजनेसमनचे वर्णन आहे.मैत्रीचं गाजर दाखवून कमिशनची मलई खायच्या विचारात आहे दोशी.
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सौंदाळा's picture

13 Aug 2015 - 11:22 am | सौंदाळा

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अविनाश पांढरकर's picture

13 Aug 2015 - 11:57 am | अविनाश पांढरकर

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तुडतुडी's picture

13 Aug 2015 - 11:57 am | तुडतुडी

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gogglya's picture

13 Aug 2015 - 4:15 pm | gogglya

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नूतन सावंत's picture

13 Aug 2015 - 7:40 pm | नूतन सावंत

संदीप डांगेशी सहमत.पण कलाटणीसाठी +.

नूतन सावंत's picture

13 Aug 2015 - 7:42 pm | नूतन सावंत

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राघवेंद्र's picture

13 Aug 2015 - 7:42 pm | राघवेंद्र

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अत्रुप्त आत्मा's picture

13 Aug 2015 - 7:42 pm | अत्रुप्त आत्मा

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तीरूपुत्र's picture

13 Aug 2015 - 9:22 pm | तीरूपुत्र

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डॉ सुहास म्हात्रे's picture

13 Aug 2015 - 11:25 pm | डॉ सुहास म्हात्रे

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पण कथेत सिक्वेलची पूर्वसूचना दिसते आहे... अपहरण !