फुटेस्तोवर सुजलेली लोकल मंदावली तसा तो हातापयाच्या जेमतेम दोनतीन बोटांची पकड घट्ट करून जिवाच्या आकांताने लोंबकळू लागला. दारादारातून शिट्ट्या वाजल्या. रुळाकडेला बसलेली ती शरमेने अर्धमेली झाली. आतला बाहेरचा प्रत्येक जण असाच आपापल्या नरकात तुंबलेला.
'अरे हे काय जिणं आहे का?' त्याला लोकल गदागदा हलवून आत चिणलेल्या प्रत्येक मुडद्याला खडसावून जागे करावेसे वाटले.
तिला संडास नसलेली ती वस्तीच शेकडो डोळ्यांनी डसणार्या लोकलसकट पेटवून द्यावीशी वाटली.
'वाटतं, साध्या जगण्यासाठी मरेस्तोवर् पिळणारी ही व्यवस्था उध्वस्त करावी.' तो ठामपणे म्हणाला.
'वाटतं, अब्रूने जगू न देणारा समाज फोडून सरळ करावा.' ती निर्धाराने.
'बास, ठरलं ! हे सगळच बदलावं' त्याच्या तिच्यासह अनेक आवाज निश्चयाने गर्जले,
'कोणीतरी...'
प्रतिक्रिया
5 Aug 2015 - 5:48 am | अनन्त अवधुत
+१ आवडली.
5 Aug 2015 - 6:31 am | रेवती
कथा आवडली.
+१.
5 Aug 2015 - 6:34 am | मुक्त विहारि
+१
5 Aug 2015 - 7:32 am | प्रीत-मोहर
+१
5 Aug 2015 - 7:36 am | पिलीयन रायडर
+१
5 Aug 2015 - 8:29 am | जेपी
+1
5 Aug 2015 - 8:31 am | योगी९००
+१
5 Aug 2015 - 8:39 am | अत्रुप्त आत्मा
ये शशक... माने लास्ट पंच का तो खेल है भाया!
अव्वल जमलीये! +१
5 Aug 2015 - 9:05 am | ब़जरबट्टू
+1
5 Aug 2015 - 9:15 am | टवाळ कार्टा
+१
5 Aug 2015 - 9:18 am | जडभरत
+१
5 Aug 2015 - 9:52 am | पाटील हो
+१
5 Aug 2015 - 9:56 am | तुषार काळभोर
'कोणीतरी' करावं लागतं.
समवन हॅज टू डू & नोवन इज 'समवन'.
5 Aug 2015 - 9:59 am | नीलमोहर
+१
5 Aug 2015 - 11:54 am | प्यारे१
+१
5 Aug 2015 - 11:55 am | मी-सौरभ
..
5 Aug 2015 - 12:02 pm | नाव आडनाव
+१
5 Aug 2015 - 12:05 pm | तुडतुडी
मस्त +१
5 Aug 2015 - 12:13 pm | अविनाश पांढरकर
+१
5 Aug 2015 - 12:31 pm | शलभ
+१
5 Aug 2015 - 12:32 pm | शलभ
+१
5 Aug 2015 - 12:35 pm | चिगो
खुप छान आहे कथा.. बेस्ट.. +१११
5 Aug 2015 - 12:58 pm | gogglya
शेवटातील 'कोणीतरी' या एकाच शब्दाने बाकी ९९ शब्दांना तोलुन धरले आहे!
6 Aug 2015 - 3:09 pm | नाखु
+१
11 Aug 2015 - 4:22 am | अन्या दातार
+१
6 Aug 2015 - 2:46 pm | तुमचा अभिषेक
+१
6 Aug 2015 - 8:45 pm | राघवेंद्र
+१
7 Aug 2015 - 9:05 pm | बहिरुपी
+१
7 Aug 2015 - 10:10 pm | पैसा
+१ वा!
7 Aug 2015 - 10:45 pm | अंतु बर्वा
+१
7 Aug 2015 - 11:05 pm | सटक
अप्रतिम!
8 Aug 2015 - 10:14 am | नूतन सावंत
+१
8 Aug 2015 - 1:03 pm | मधुरा देशपांडे
+१
9 Aug 2015 - 1:03 am | सुहास झेले
+१
9 Aug 2015 - 12:04 pm | तीरूपुत्र
+१
9 Aug 2015 - 12:14 pm | इशा१२३
+१
10 Aug 2015 - 2:26 pm | जीएस
सर्व प्रतिसाददाते, मतदाते आणि वाचक यांचे आभार. एवढा प्रचंड प्रतिसाद मिळवणारी ही अभिनव स्पर्धा सुरू केल्याबद्दल संपादक आणि संयोजक यांचेही आभार.
10 Aug 2015 - 8:19 pm | बोका-ए-आझम
+१
10 Aug 2015 - 8:29 pm | सव्यसाची
+१
10 Aug 2015 - 10:47 pm | अंजली पाटील
+१
11 Aug 2015 - 5:07 am | संदीप डांगे
चाबुक...