शीरखुर्मा

गणपा's picture
गणपा in पाककृती
10 Sep 2010 - 2:56 am

सलाम-आलेकुम मियाँ . भोत दिनो के बाद दिखरैले. क्या बोल्ते आप इधरीच कु थे. मैंच नै दिक्खा? हां बराबर जी. मेरे रोजे चल रे थे ना.
भाईजान, बडी बी और चिल्ली पील्ली सब खैरीयत मै ना?
अरे हौ,आप को भी को ईद मुबारक भई.

घर को चल्ते? बडी प्यार से शीर-खुर्मा बनायें जी. चख लेते थोडा.
क्या बोल्ते गणपती की तैयारी करनेकी. हौ मियाँ गणेशजी हमारे मुहल्लेमें बैंठतेजी. बहुत मझा आता.

क्या बोले? कैसे बनाते शीर-खुर्मा ? गणेशजी को प्रशाद चढाने के वास्ते भाभी को बनानेकू बोल्ते. बतातै ना मियाँ, बिल्कुल बतातै. आप सिखाये मोदक आपकी भाभी बनाने वाली है जी. बहुत शुक्रिया.

शीर-खुर्मा भौत सिंपल है जी. और बनता भी एकदम १०-१५ मिनट मे.

पैले सामान क्या क्या लगता लिखलो मियाँ.


१/२ पाकिट सेवैंया. (भुनी हुई मिली तो और्भी अच्छा. वर्ना फिकर नक्को करु. मै बाताता ना.)
३/४ लिटर दुध.
अगर घर मै हो तो मिठा गाढा दुध. (कंडेंस्ड मिल्क).
१/२ बाटी चीनी. हा हा हा मियाँ बाल्टी नक्को लिक्खू हा वर्ना भाभी जी पिटती मेरेकु बाद मै.
२ बडे चम्मच चावल का आटा.
सुका मेवा. (इसमे कंजुशी नक्को करु मियाँ.)
(बादाम-काजु-किशमिश-पिस्ते-बिगोये खारीके टुकडे)
ईलायची.
जायफल.
नारियल के छोटे टुकडे.

अगर आपको भुनी हुई सेवैयाँ ना मिली तो. एक बर्तन में २ चम्मच अस्सल देसी घी डालकर साधी सेवैंयाँको उसमे ३-४ मिनटं भुन लो. जादा तेज आंच पर नक्को करु. वर्ना जल जायेंगी. फिर उन कु एक प्लेट मै निक्काल के रक्खो.


अब उसी बर्तन में दुध को उबालने रक्खो जी. उंस में उबाल आते ही. शक्कर, गाढा दुध पीसी हुई ईलायची- जायफल, नारियल के टुकडे और बाकी का सुका मेवा डाल दो. आंच को जादा तेज नक्को रखुं. चम्मच से बार बार हिलाते रक्खो.


५ मिनट बाद उस में भुनी हुई सेवैयाँ डाल दो. साथ में चावल का आटा थोडे दुध मे भिगोकर डाल दो. और चम्मच से बराबर हिलाते रक्खो. २-३ मिनट मै आपकी शीरखुर्मा गाढी हो जायेगी.


उपर से थोडा और सुखा मेवा डाल कर गणेशजी को चढावा दो जी.
हमकु आरती मे बुलाना भुलो नक्कु .

खुदा आफिस मियाँ. आपा को सलाम बोल्ना.

फिर मिलते इधरीच.

प्रतिक्रिया

मराठमोळा's picture

10 Sep 2010 - 3:03 am | मराठमोळा

एकदम जबराट!!! :)

अवांतर : गणपाशेट्ची चार दिवस सुट्टी चांगलीच कामी येणार म्हणजे? ;)

भानस's picture

10 Sep 2010 - 3:10 am | भानस

गणपाजी क्या कहने... शीरखुर्माके जी... :) शेवटचा फोटोतून पटकन वाटीत काढून घेण्याचा मोह झाला. मस्तच. और आपकी हैदराबादी हिंदी के लहेजेने जायका बढा दिया... मोदकानंतर लगेच करावे लागणार.

प्राजु's picture

10 Sep 2010 - 3:21 am | प्राजु

झक्कास!!!!!

(आवांतर भोचकपणा : मराठी संकेत स्थळावर हिंदीमधला धागा??? उडवावा का?? ) ;)

मी-सौरभ's picture

10 Sep 2010 - 2:16 pm | मी-सौरभ

इतने दिनो बाद गणपा मियाँ कुछ लिखे है...
रहने दो ना आपा....

ईद मुबारक आपको भी :)

यशवंतकुलकर्णी's picture

10 Sep 2010 - 3:22 am | यशवंतकुलकर्णी

य्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म

मेघवेडा's picture

10 Sep 2010 - 3:23 am | मेघवेडा

ईद मुबारक मामु!

बाकी गणपाशेटची पाकृ बर्‍याच दिवसांनी बोर्डावर पाहून बरे वाटले! :)

स्मिता_१३'s picture

10 Sep 2010 - 3:29 am | स्मिता_१३

क्या बात हे !

गणपा सेठ, शीरकुर्मा एकदम बढीया ! लिखने का ढंग तो और भी बढीया !

आपको ईद और गणेश चतुर्थी की हार्दीक शुभकामनायें !

स्वगत : चला गणेश चतुर्थीला मोदकांबरोबर अजुन एक गोड पदार्थ मिळाला. धन्यवाद गणपाभाउ !

इन्शाल्ला! क्या कातीलाना अन्दाझमे पाकृ डाली है मिपा पर! गझब ढाया है जनाब.

नंदन's picture

10 Sep 2010 - 3:49 am | नंदन

माशाल्ला गणपामियाँ!
रेसिपी आणि अंदाज-ए-बयाँ,
दोन्ही बहोत खूब :)

बेसनलाडू's picture

10 Sep 2010 - 6:13 am | बेसनलाडू

बोल्ता मामू!
(मुंबईवाला)बेसनलाडू

श्रावण मोडक's picture

10 Sep 2010 - 4:39 pm | श्रावण मोडक

येहीच्च बोलता मै भी...

सहज's picture

10 Sep 2010 - 5:27 am | सहज

मै तो मिपासे जा रा था, उने गुगलसे आना था!
किया खुर्मेका नजारा, डाएटका वाट लगा ना!

मस्त कलंदर's picture

10 Sep 2010 - 9:03 am | मस्त कलंदर

मेरेकोभी येईच्च लगा मामू.... :(
लगता है अब करनाईच पडेगा...

प्रभो's picture

10 Sep 2010 - 8:58 am | प्रभो

आलेकुम-अस्स्लाम गणपामियां..... इद मुबारक भाईजान...
क्या क्या बनाते तुम किचन्मे जाके ......साला फोटू देखक्येहीच्च भू़क डब्बल रे......

प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे's picture

10 Sep 2010 - 9:14 am | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे

गणपा, लै भारी रे.......!

-दिलीप बिरुटे

विलासराव's picture

10 Sep 2010 - 9:19 am | विलासराव

आ रहेला है गणपा भाय.
(बंबैया) विलासभाय.

छान आहे. आज रात्री करु या..

( पण चंद्राचं काय करायचं? :( ईद म्हणून चंद्र बघायचा.. का गणपती म्हणून चंद्र नाही बघायचा? )

वेताळ's picture

10 Sep 2010 - 9:56 am | वेताळ

तुम तो छुपे रुस्तुम निकले. कहा थे इतने दिन?

अविनाशकुलकर्णी's picture

10 Sep 2010 - 10:28 am | अविनाशकुलकर्णी

इद कि शुभकामना..
गणपती मुबारक...

जबरा..आहे बेत..खिर खुरमा

प्रभाकर कुळ्कर्णी's picture

10 Sep 2010 - 12:50 pm | प्रभाकर कुळ्कर्णी

हैद्राबादी भाषा एकदम सुपर जमली. "हैद्राबादी नवाब" व त्याच टाईप चे नंतर आलेले सिनिमे पाहिले काय मिपा ग्रुप मेंबर्स नी. आवर्जुन पहाने सीड्या विकत घेवून . भरपुर मनोरंन. झकास विनोद.
शिर कुर्मा जबरदस्त जमला.

परिकथेतील राजकुमार's picture

10 Sep 2010 - 1:18 pm | परिकथेतील राजकुमार

हेच बोल्तो.

गणपा मामु 'द अंग्रेज' बघुन आला का काय ? ;)

पाककृती नेहमीप्रमाणेच ज ह ब र्‍या !! वादच नाही बॉस !

फोटु पाहुन डोळ्याचे पारणे फिटले. (हनुमंताचे फिटले ते वेगळे)

काजुकतली's picture

10 Sep 2010 - 1:59 pm | काजुकतली

आहा हा... मजा आ गया....
सुब्बुसे ढुंड रही हु, कोई तो आव और शीरकुर्मा खिलाव... कोई तो आव और शीरकुर्मा खिलाव...
इदर रेसिपी देखा तो जान ने जान आ गई....अब मैहीच खुद बनाके खायेगी...... आज खाई तो जादा मजा. कल फिर बनाके गणेशजीकोभी खिलाती..
आपका भौतभौत शुक्रिया... और इद मुबारक भी.... :)

मिठा गाढा दुध कितना डालनेका?? यहापे ४००ग्र. का डिब्बा मिलताय...

दिपक's picture

10 Sep 2010 - 2:20 pm | दिपक

काय ते लिखाण, काय ते फोटू.. काय ते पाक कौशल्य .. अरे एखाद्या माणसाने किती क्रियेटीव असावे..
छ्या!!..

क्या मियाँ बडे दिनो का बाद आपके दर्शन मिले...किधर को थे भाई ?
शीर-खुर्मा बढिया दिखरेला हय... :)

(मदन मियाँ चिस्ती)... ;)

कलिच तेरेको याद किया रे. आता नै रे तू आजकल. और आज सुब्बे देखा तो ये शीरखुर्मा!
क्या बनाया और लिखा बॉस, एकदम जोरो पे दिख रहा है रे.
तेरे को क्यां बताऊं, सब चिंधीचोरां कुछ भी फालतू लिखते है रे, तब्बीच तो ये देख के तसल्ली हुई ना मामू!

(चारमिनारापे)चतुरंगमियां

चिंतातुर जंतू's picture

10 Sep 2010 - 5:57 pm | चिंतातुर जंतू

शैली गोड व पाककृती चांगली आहे. माझ्या माहितीच्या पारंपरिक कृतीनुसार किंचित सुधारणा सुचवत आहे, त्या गोड मानून घ्याल अशी आशा करतो.

  1. पाककृतीस सुरुवात करण्यापूर्वी केवड्याचे पाणी आणि केशर एकत्र करून ठेवावे. त्यातच वेलची पूड टाकावी. शिजवून झाल्यानंतर ते वरून ओतावे व ढवळून एकजीव करावे.
  2. तूप गरम केल्यावर शेवया टाकण्यापूर्वी अख्ख्या वेलच्या व लवंगदाणे यांची फोडणी करावी. घमघमाट सुटल्यावर मग त्यात शेवया परताव्या.
  3. शेवया परतण्यापूर्वी आवडत असतील तर थोड्या चारोळ्या टाकाव्यात आणि परताव्यात.
  4. तांदळाचे पीठ ही थोडी पळवाट आहे. साधनशुचितेचा आग्रह धरायचा झाला तर आणि आळस झटकून टाकायचा असेल तर दूध चक्क अर्धे होईपर्यंत ढवळत राहावे. सर्व गोष्टी एकत्र उकळत राहिल्याने येणारा स्वाद अप्रतिम असतो. तो पिठीने घट्ट करून येत नाही. असे केल्यास साखर मात्र आटल्यानंतर टाकून एकजीव करावी.
विनायक प्रभू's picture

10 Sep 2010 - 6:35 pm | विनायक प्रभू

पाकृ

सुनील's picture

10 Sep 2010 - 6:52 pm | सुनील

लाजवाब! चिंजं यांच्या सुधारणाही योग्यच. बाकी तुपाचा वापर जरा सढळ हाताने केलेल्या शीरकुर्म्याला तोड नाही!

धमाल मुलगा's picture

10 Sep 2010 - 7:01 pm | धमाल मुलगा

सलामालेकुम गणपामियाँ! ईद मुबारक मियाँ :)

क्या रें? कसम चारमिनारां की, किधर से सिख के आतें तुमी इत्ते मस्त मस्त डिशां?
तुमी एक बार मिलों रें मेरेकु...ऐसा खुंदल खुंदल के मारुंगा ना...कैसे कैसे फोटु डालते रे पा.कृ.में, इदर हलीम पुरा मीठा लगने लगता ना रें!

स्वाती दिनेश's picture

10 Sep 2010 - 7:12 pm | स्वाती दिनेश

शिरखुर्मा टॉप!!
स्वाती

हेम's picture

10 Sep 2010 - 7:15 pm | हेम

मस्त्त! ....आता भरल्यापोटीचे प्रश्न..
शिरखुर्म्याची कृती सगळीकडे अशीच आहे की प्रदेशानुरुप बदलते? उदा. कोकणांत सुक्या खोबर्‍याचे तुकडे घालतात की खोवलेलं ओलं खोबरं?
..आणि शिरखुर्मा की कुर्मा?

चिंतातुर जंतू's picture

10 Sep 2010 - 11:29 pm | चिंतातुर जंतू

..आणि शिरखुर्मा की कुर्मा?

पर्शिअन शब्द 'शीर' म्हणजे दूध (संस्कृत 'क्षीर' आणि मराठी 'खीर' ही सर्व एकाच जातकुळीतली) आणि खुर्मा म्हणजे सुका खजूर (जवळजवळ खारीकच, पण त्याहून किंचित ओला). हा रात्रभर दुधात भिजवून मग त्याची खीर करायची म्हणून हा शीरखुर्मा.

कौशी's picture

10 Sep 2010 - 8:12 pm | कौशी

गनपाजी आन्खि एक सुन्दर रेसिपी.... बघुन आज घरी करावीच लागेल ............

यशोधरा's picture

10 Sep 2010 - 8:20 pm | यशोधरा

दुष्ट माणसा! तुझा त्रिवार निषेध! :)

पिंगू's picture

10 Sep 2010 - 8:48 pm | पिंगू

गणपा मियां, ईदेच्या शुभेच्छा....

बाकी शिरखुर्मा झक्कासच...

- पिंगू

आला का बुवा परत!
पाकृ टाकतो आणि इनोचा खप वाढवतो.

बिपिन कार्यकर्ते's picture

10 Sep 2010 - 11:22 pm | बिपिन कार्यकर्ते

मैं धागा देख्याच नय, मैं पर्तिकिरिया देगाच नय.

जा असे न भेटताच जा गुपचुप ;)

बिपिन कार्यकर्ते's picture

10 Sep 2010 - 11:31 pm | बिपिन कार्यकर्ते

मिला न्हय बोलके ऐसा करते क्या? आप ह्यां आये आउर मिलेच्च नय काल भी नय.. हम करे क्या गुस्सा आपपर? नय करे ना? तो फिर?

कुंदन's picture

10 Sep 2010 - 11:34 pm | कुंदन

>>जा असे न भेटताच जा गुपचुप
तिकडे पण हाच प्रकार...
असो.

बिपिन कार्यकर्ते's picture

10 Sep 2010 - 11:36 pm | बिपिन कार्यकर्ते

दोन वर्षात एक टॅक्सी करून येता नाही आलं तुला... आणि मला बोलतोस?

असो.

समस्त वाचकांचा/प्रतिसादकांचा आभारी आहे.
जंतुनी सुचवलेल्या सुचना एकदम मान्य. :)

चावटमेला's picture

10 Sep 2010 - 11:43 pm | चावटमेला

वाह!!! गणपा मिया, जी खुश कर दिया :)

चिगो's picture

16 Sep 2010 - 11:31 am | चिगो

पाणी सुटलं तोंडाला.. मां की किरकिरी, क्या लेहजा और क्या पाकृ है मियां...