लाल छड़ी मैदान खड़ी क्या खूब लड़ी क्या खूब लड़ी हम दिल से गये, होय्य्य्य्य्य्य्य्य्य्य्य...
हम दिल से गये, हम जान से गये बस आँख मिली और बात बढ़ी.
लाल छड़ी मैदान खड़ी क्या खूब लड़ी क्या खूब लड़ी
हमें तुम से प्यार कितना, ये हम नहीं जानते
मगर जी नहीं सकते, तुम्हारे बिना
सुना गम जुदाई का उठाते हैं लोग
जाने जिन्दगी कैसे बिताते हैं लोग
दिन भी यहाँ तो लगे बरस के समान
हमें इंतज़ार कितना ये हम नहीं जानते
मगर जी नहीं सकते, तुम्हारे बिना
तुम्हें कोई और देखे तो जलता है दिल
बड़ी मुश्किलों से फिर संभलता है दिल
क्या, क्या जतन करते हैं तुम्हे क्या पता
ये दिल बेकरार कितना ये हम नहीं जानते
मगर जी नहीं सकते, तुम्हारे बिना
हमें तोह लुट लिया मिल के हुस्नवालो ने
काले काले बालो ने, गोरे गोरे गालो ने
नजर में शोकिया और बचपना शरारत में
अदाए देखके हम फँस गए मोहब्बत में
हम अपनी जान से जायेंगे जिनकी उल्फत में
यकीन है की ना आएंगे वोह ही मैयत में
तोह हम भी कह देंगे, हम लुट गए शराफत में
वही वही पे क़यामत हो वोह जिधर जाये
झुकी झुकी हुयी नजरो से कम कर जाये
तडपता छोड़ दे रस्ते में और गुजर जाये
सितम तोह यह है की दिल ले ले और मुकर जाये
समझ में कुछ नहीं आता की हम किधर जाये
यही इरादा है यह कहके हम तोह मर जाये
वफ़ा के नाम पे मारा है बेवफाओ ने
की दम भी हमको ना लेने दिया जफ़ाओ ने
खुदा भुला दिया इन हुस्न के खुदाओ ने
मिटा के छोड़ दिया इश्क की खताओ ने
उडाये होश कभी जुल्फ की हवा ने
हयाए नाज़ ने लुटा कभी अदाओ ने
हजार लुट गए नजरो के इक इशारे पर
हजारो बह गए तूफान बनके धारे पर
ना इनके वादों का कुछ ठीक है ना बातो का
फ़साना होता है इनका हजार रातो का
बहुत हसीन है वैसे तोह भोलापन इनका
भरा हुवा है मगर ज़हर से बदन इनका
यह जिसको काट ले पानी वोह पी नहीं सकता
दावा तोह क्या है दुआ से भी जी नहीं सकता
इन्हीं के मारे हुए हम भी हैं ज़माने में
है चार लफ्ज़ मोहब्बत के इस फ़साने में
जमाना इनको समझता है नेक और मासूम
मगर यह कहते हैं क्या है किसीको क्या मालूम
इन्हें ना तीर ना तलवार की जरुरत है
शिकार करने को काफी निगाहे उल्फत हैं
हसीन चाल से दिल पायमाल करते हैं
नजर से करते हैं बातें कमाल करते हैं
हर एक बात में मतलब हजार होते हैं
यह सीधे सादे बड़े होशियार होते हैं
खुदा बचाए हसीनो की तेज चलो से
पड़े किसी का भी पाला ना हुस्न वालो से
हुस्नवालो में मोहब्बत की कमी होती है
चाहनेवालो की तक़दीर बुरी होती है
इनकी बातो में बनावट ही बनावट देखी
शर्म आँखों में निगाहों में लगावट देखी
आग पहले तोह मोहब्बत की लगा देते हैं
अपनी रुकसार का दीवाना बना देते हैं
दोस्ती कर के फिर अंजन नजर आते हैं
सच तोह यह है की बेईमान नजर आते हैं
मौत से कम नहीं दुनिया में मुहब्बत इनकी
जिन्दगी होती बरबाद बदौलत इनकी
दिन बहारो के गुजरते हैं मगर मर मरके
लुट गए हम तोह हसीनो पे भरोसा कर के
गली में मारे फीरे
पास आने को मेरे
कभी फड़कता नैन मेरे तो
कभी फड़कता तोरे
कभी फड़कता नैन मेरे तो
कभी फड़कता तोरे
अम्बरसरिया..मुंडयावे कचिया कलियाँ ना तोड़
अम्बरसरिया..मुंडयावे कचिया कलियाँ ना तोड़
तेरे माँ ने बोले हैं मुझे तीखे से बोल
तेरे माँ ने बोले हैं मुझे तीखे से बोल
अम्बरसरिया..
हो अम्बरसरिया..
नहीं मैं सुरमा पाडा
रूप ना मैं चमकाना
नहीं मैं सुरमा पाडा
रूप ना मैं चमकाना
नैन नशीली हूँ अगर तो
सुरमे दी की लोड
अम्बरसरिया..मुंडयावे कचिया कलियाँ ना तोड़
अम्बरसरिया..मुंडयावे कचिया कलियाँ ना तोड़
तेरे मान ने बोले हैं मुझे तीखे से बोल
तेरे मान ने बोले हैं मुझे तीखे से बोल
अम्बरसरिया..
अम्बरसरिया
ये हसीन वादियां, ये खुला आसमां
आ गये हम कहाँ ऐ मेरे साजना
इन बहारों में दिल की कली खिल गयी
मुझ को तुम जो मिले हर खुशी मिल गयी
तेरे होठों पे हैं, हुस्न की बिजलियाँ
तेरे गालों पे हैं, जुल्फ की बदलियाँ
तेरे दामन की खुशबू से महके चमन
संगेमरमर के जैसा ये तेरा बदन
मेरी जान-ए-जां, मैं तेरी चाँदनी
छेड़ लो तुम आज कोई प्यार की रागिनी
ये हसीन वादियां, ये खुला आसमां
आ गये हम कहाँ, ऐ मेरे साजना
ये बंधन है प्यार का, देखो टूटे ना सजनी
ये जन्मों का साथ है, देखो छूटे ना सजना
तेरे आँचल की छाँव के तले मेरी मंज़िल मुझे मिल गयी
तेरी पलकों की छाँव के तले मोहब्बत मुझे मिल गयी
जी करता है साजना, दिल में तुम को बिठा लूँ
आ मस्ती की रात में, अपना तुम को बना लूँ
उठने लगे हैं तूफान क्यो, मेरे सीने में ऐ सनम
तुम्हे चाहूँगा दिल-ओ-जान से, मेरी जान-ए-जान तेरी कसम
गरजत बरसत सावन आयो रे,
गरजत बरसत सावन आयो रे
लायो न संग में, हमरे बिछड़े बलमवा
सखी का करूं हाय, गरजत बरसत सावन आयो रे
गरजत बरसत सावन
आयो रे सावन आयो, सावन आयो रे
गरजत बरसत सावन
रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई
सुबह को जब हम नींद से जागे, आँख तुम ही से चार हुई
चाहे कहो इसे मेरी मोहब्बत, चाहे हँसी में उड़ा दो
ये क्या हुआ मुझे मुझको खबर नहीं, हो सके तुम ही बता दो
तुम ने कदम तो रखा जमीन पर, सीने में क्यों झंकार हुई
गल मीठी मीठी बोल
रस कानोमे तू घोल
बजने दे ताशे ढोल
मस्तीमे तूभी डोल
मन के नैना तू खोल
चाहत के मोती रोल
दिल होता है अनमोल
ये दौलतसे ना तोल
ओ सोनी तेनू चांद की मैं चूड़ी पेहनावा.
प्रतिक्रिया
14 Sep 2015 - 12:03 pm | संजय पाटिल
रज्ज कि आयेगि बारात, रंगीलि होगी रात,
मगन मै नचुंगी.
ग
14 Sep 2015 - 12:05 pm | संजय पाटिल
राजा कि आयेगी बारात, रंगीलि होगी रात,
मगन मै नाचुंगी
न
14 Sep 2015 - 12:04 pm | नीलमोहर
राह में उनसे मुलाकात हो गई
जिससे डरते थे वही बात हो गई..
14 Sep 2015 - 12:06 pm | संजय पाटिल
इस्पाडर मॅन इस्पाडर मॅन ,
तुने चुराया मेरे दिल क चैन
14 Sep 2015 - 12:08 pm | प्यारे१
ना जाओ सैय्या छुड़ा के बईया
ग
14 Sep 2015 - 12:09 pm | संजय पाटिल
ग कसं काय?
14 Sep 2015 - 12:11 pm | मारवा
बइय्या च्या शेवटी य येइल ना
य
14 Sep 2015 - 12:11 pm | माम्लेदारचा पन्खा
अन पुढे चालू ठेवायचं... हा का ना का....
14 Sep 2015 - 12:12 pm | प्यारे१
क्या यारो,
ना जाओ सैय्या म्हणा मनातल्या मनात
कसम तुम्हारी मैं रो पडूँगी रो पडूँगी म्हणले ना?
आलं का ग?
14 Sep 2015 - 12:11 pm | संजय पाटिल
ना जाओ सैय्या छुड़ा के बईया,
कसम तुम्हारी, मै रो पडुंगी.. रो पडुंगी.
ग
14 Sep 2015 - 12:13 pm | माम्लेदारचा पन्खा
मै तो गया मारा... आके यहा रे...
14 Sep 2015 - 12:36 pm | संजय पाटिल
संजय पाटिल - Mon, 14/09/2015 - 12:11
प्यारे१ - Mon, 14/09/2015 - 12:12
14 Sep 2015 - 12:13 pm | नीलमोहर
गाए जा गीत मिलन के तू अपनी लगन के,
सजन घर जाना है..
14 Sep 2015 - 12:13 pm | अत्रुप्त आत्मा
ये लो मैं हारी पिया, हुई तेरी जीत रे
काहे का झगड़ा बालम, नई नई प्रीत रे
14 Sep 2015 - 12:14 pm | मारवा
गीत गाता हूँ मैं, गुनगुनाता हूँ मैं
मैने हँसने का वादा किया था कभी
इसलिए अब सदा मुस्कुराता हूँ मैं
ये मोहब्बत के पल कितने अनमोल हैं
कितने फूलों से नाज़ूक मेरे बोल हैं
सब को फूलों की माला पहनाता हूँ मैं
मुस्कुराता हूँ मैं ...
रोशनी होगी इतनी किसे थी खबर
मेरे मन का ये दर्पण गया है निखर
साफ़ है अब ये दर्पण दिखाता हूँ मैं
मुस्कुराता हूँ मैं ...
म
14 Sep 2015 - 12:15 pm | मारवा
दोन चार पर्याय मिळताय उचला पालखी
आणि पळा
14 Sep 2015 - 12:28 pm | द-बाहुबली
माय नी माय मुंढेरपे तेरी बोल रहा है कागा जोगन हो गइ तेरी दुलारी मन जोगी संग लागा...
ग
14 Sep 2015 - 12:32 pm | प्यारे१
झालंय.
14 Sep 2015 - 12:34 pm | मारवा
गज़ब का है दिन सोचो ज़रा, ये दीवानापन देखो ज़रा
तुम हो अकेले, हम भी अकेले, मज़ा आ रहा है, कसम से
देख लो हमको करीब से, आज हम मिले हैं नसीब से
ये पल फिर कहाँ और ये मंज़िल फिर कहाँ
क्या कहूँ मेरा जो हाल है, रात दिन तुम्हारा ख़याल है
फिर भी जान-ए-जां, मैं कहाँ और तुम कहाँ
काहीही ह श्री
ह
14 Sep 2015 - 12:35 pm | प्यारे१
झालंय
14 Sep 2015 - 12:35 pm | मारवा
ओके
म का जवाब दो
म
14 Sep 2015 - 12:39 pm | संजय पाटिल
मेरे मितवा.. मेरे मितरे..
आजा तुझको पुकारे मेरे गीत रे
र
14 Sep 2015 - 12:39 pm | प्यारे१
मेरा दिल भी कितना पागल है
पर सामने जब तुम आते हो -२
कुछ भी कहने से डरता है
ह
14 Sep 2015 - 12:43 pm | संजय पाटिल
दोन दोन गाणी फोडु नका हो..
14 Sep 2015 - 12:44 pm | प्यारे१
तिमिन्ग बघा तिमिन्ग. ;)
आता आम्ही काम करतो. तुम्ही लढवा खिंड.
14 Sep 2015 - 12:41 pm | संजय पाटिल
हमसे क्या भुल हुइ जो ये सजा हमको मिली
अब तो चारो ही तरफ बंद है दुनिया कि गली.
14 Sep 2015 - 12:42 pm | द-बाहुबली
मेरे साम ने वाली खिडकी मे एक चांदसा टुकडा रहता है
अफसोस ये है के वो हमसे कुछ उखडा उखडा रहता है..
ह
14 Sep 2015 - 12:45 pm | संजय पाटिल
म गेलं आता ल आलाय
14 Sep 2015 - 12:47 pm | द-बाहुबली
लाल छड़ी मैदान खड़ी क्या खूब लड़ी क्या खूब लड़ी हम दिल से गये,
होय्य्य्य्य्य्य्य्य्य्य्य...
हम दिल से गये, हम जान से गये बस आँख मिली और बात बढ़ी.
लाल छड़ी मैदान खड़ी क्या खूब लड़ी क्या खूब लड़ी
ड
14 Sep 2015 - 12:56 pm | मारवा
डम डम डिगा डिगा, मौसम भीगा भीगा
बिन पिये मैं तो गिरा, मैं तो गिरा, मैं तो गिरा, हाए अल्ला
सूरत आप की सुभान अल्ला
तेरी अदा वाह वाह क्या बात है
अखियाँ झुकी झुकी, बातें रुकी रुकी
देखो कोई रे आज लूट गया, हाए अल्ला ...
सनम हम माना गरीब है
नसीबा खोटा सही, बंदा छोटा सही
दिल ये खज़ाना है प्यार का, हाए अल्ला ...
तेरी कसम तू मेरी जान है
मुखड़ा भोलाभाला, छूपके डाका डाला
जाने तू कैसी मेहमान है, हाए अल्ला ...
फिरसे ले
ल
14 Sep 2015 - 1:03 pm | द-बाहुबली
लडकी है क्या रे बाबा
उसकी अदा रे बाबा
उसका नशा रे बाबा
रेबाबा रेबाबा रेबाबा बाबा बाबा बाबा (जी की जय)
ब
14 Sep 2015 - 1:09 pm | मारवा
बाहों के दरमियाँ, दो प्यार मिल रहे है
जाने क्या बोले मन, डोले सुन के बदन, धड़कन बनी ज़ुबां
खुलते बंद होते, लबो की ये अनकही
मुझ से कह रही है के बढ़ने दे बेखुदी
मिल यूँ के दौड़ जाए, नस नस में बिजलियाँ
आसमान को भी ये हसीं राज है पसंद
उलझी उलझी साँसों की आवाज है पसंद
मोती लूटा रही है सावन की बदलियाँ
य
14 Sep 2015 - 1:11 pm | द-बाहुबली
ये रातें, ये मौसम, नदी का किनारा, ये चंचल हवा
कहा दो दिलों ने, के मिलकर कभी हम ना होंगे जुदा...
ये क्या बात है, आज की चाँदनी में
के हम खो गये, प्यार की रागनी में
ये बाहों में बाहें, ये बहकी निगाहें
लो आने लगा जिंदगी का मज़ा
ये रातें, ये मौसम, नदी का किनारा, ये चंचल हवा
कहा दो दिलों ने, के मिलकर कभी हम ना होंगे जुदा.
14 Sep 2015 - 1:11 pm | रातराणी
बड़ी मुश्कील है खोया मेरा दिल है
कोई उसे ढूँढके लाये ना
जाके कहाँ मैं रपट लिखाउ
कोई बतलाये ना
मैं रोउ यां हसू करू मैं क्या करू
र
14 Sep 2015 - 1:12 pm | रातराणी
अर्र्र
14 Sep 2015 - 1:13 pm | रातराणी
दिल है की मानता नही
14 Sep 2015 - 1:22 pm | मारवा
हमें तुम से प्यार कितना, ये हम नहीं जानते
मगर जी नहीं सकते, तुम्हारे बिना
सुना गम जुदाई का उठाते हैं लोग
जाने जिन्दगी कैसे बिताते हैं लोग
दिन भी यहाँ तो लगे बरस के समान
हमें इंतज़ार कितना ये हम नहीं जानते
मगर जी नहीं सकते, तुम्हारे बिना
तुम्हें कोई और देखे तो जलता है दिल
बड़ी मुश्किलों से फिर संभलता है दिल
क्या, क्या जतन करते हैं तुम्हे क्या पता
ये दिल बेकरार कितना ये हम नहीं जानते
मगर जी नहीं सकते, तुम्हारे बिना
न
14 Sep 2015 - 1:25 pm | रातराणी
न जाने क्यूं होता है ये जिंदगीके साथ
अचानक ये मन किसीके जाने के बाद
करे फिर उसकी याद छोटी छोटी सी बात
न जाने क्यूं
य घ्या
14 Sep 2015 - 1:31 pm | मारवा
यादो की बारात निकली है आज दिलके द्वारे
सपनो की शहनाई बीते दिनो को पुकारे दिल के द्वारे
र
14 Sep 2015 - 1:34 pm | द-बाहुबली
रुक जाना नही.. तु कही हारके
कांटोसे चलके मिलेंगे सायें बहार के.. ओ राही ओराही. ओ राही ओराही.
ह
14 Sep 2015 - 1:39 pm | मारवा
हमें तोह लुट लिया मिल के हुस्नवालो ने
काले काले बालो ने, गोरे गोरे गालो ने
नजर में शोकिया और बचपना शरारत में
अदाए देखके हम फँस गए मोहब्बत में
हम अपनी जान से जायेंगे जिनकी उल्फत में
यकीन है की ना आएंगे वोह ही मैयत में
तोह हम भी कह देंगे, हम लुट गए शराफत में
वही वही पे क़यामत हो वोह जिधर जाये
झुकी झुकी हुयी नजरो से कम कर जाये
तडपता छोड़ दे रस्ते में और गुजर जाये
सितम तोह यह है की दिल ले ले और मुकर जाये
समझ में कुछ नहीं आता की हम किधर जाये
यही इरादा है यह कहके हम तोह मर जाये
वफ़ा के नाम पे मारा है बेवफाओ ने
की दम भी हमको ना लेने दिया जफ़ाओ ने
खुदा भुला दिया इन हुस्न के खुदाओ ने
मिटा के छोड़ दिया इश्क की खताओ ने
उडाये होश कभी जुल्फ की हवा ने
हयाए नाज़ ने लुटा कभी अदाओ ने
हजार लुट गए नजरो के इक इशारे पर
हजारो बह गए तूफान बनके धारे पर
ना इनके वादों का कुछ ठीक है ना बातो का
फ़साना होता है इनका हजार रातो का
बहुत हसीन है वैसे तोह भोलापन इनका
भरा हुवा है मगर ज़हर से बदन इनका
यह जिसको काट ले पानी वोह पी नहीं सकता
दावा तोह क्या है दुआ से भी जी नहीं सकता
इन्हीं के मारे हुए हम भी हैं ज़माने में
है चार लफ्ज़ मोहब्बत के इस फ़साने में
जमाना इनको समझता है नेक और मासूम
मगर यह कहते हैं क्या है किसीको क्या मालूम
इन्हें ना तीर ना तलवार की जरुरत है
शिकार करने को काफी निगाहे उल्फत हैं
हसीन चाल से दिल पायमाल करते हैं
नजर से करते हैं बातें कमाल करते हैं
हर एक बात में मतलब हजार होते हैं
यह सीधे सादे बड़े होशियार होते हैं
खुदा बचाए हसीनो की तेज चलो से
पड़े किसी का भी पाला ना हुस्न वालो से
हुस्नवालो में मोहब्बत की कमी होती है
चाहनेवालो की तक़दीर बुरी होती है
इनकी बातो में बनावट ही बनावट देखी
शर्म आँखों में निगाहों में लगावट देखी
आग पहले तोह मोहब्बत की लगा देते हैं
अपनी रुकसार का दीवाना बना देते हैं
दोस्ती कर के फिर अंजन नजर आते हैं
सच तोह यह है की बेईमान नजर आते हैं
मौत से कम नहीं दुनिया में मुहब्बत इनकी
जिन्दगी होती बरबाद बदौलत इनकी
दिन बहारो के गुजरते हैं मगर मर मरके
लुट गए हम तोह हसीनो पे भरोसा कर के
क घ्या
क
14 Sep 2015 - 1:42 pm | रातराणी
किसी ना किसीसे कभी ना कभी कहीं ना कहीं दिल लगाना पड़ेगा
ग
14 Sep 2015 - 1:49 pm | मारवा
गुनगुना रहे हैं भँवरें, खिल रही हैं कली कली
गली गली, कली कली
ज़रा देखो सजन बेईमान भँवरा कैसे मुस्काये
हाए, कली यूँ शरमाये, घूघंट में गोरी जैसे छुप जाये
रुत ऐसी हाय कैसी, ये पवन चली गली गली
किसी को क्या कहे, हम दोनो भी हैं देखो कुछ खोये
ओये, हुआ क्या ओये ओये, जागे जिया में अरमान सोये
रुत ऐसी हाय कैसी, ये पवन चली गली गली
सुनो, पास ना आओ, कली के बहाने प्यार ना जताओ
जाओ, चलो बात ना बनाओ, भँवरें के बहाने आँख ना लड़ाओ
रुत ऐसी हाय कैसी, ये पवन चली गली गली
ल घ्या
ल
14 Sep 2015 - 1:50 pm | द-बाहुबली
गोरंकी ना कालोंकी दुनीया है दिलवालोंकी...
क
14 Sep 2015 - 1:52 pm | रातराणी
लड़की बड़ी अनजानी है
सपना है सच है कहानी है
देखो ये पगली बिल्कुल ना बदली
ये तो वही दीवानी है
14 Sep 2015 - 1:55 pm | द-बाहुबली
हुस्न के लाखों रंग कौन सा रंग देखोगे आग है ये बदन कौन सा अंग देखोगे.
ग
14 Sep 2015 - 2:02 pm | रातराणी
गलीमे मारे फेरे पास आनेको मेरे
कभी परख्ता नैन मेरे तो कभी परख्ता तोल
अंबरसरीया मुन्डेया वे कच्ची कलियाँ ना तोड़
तेरी माँने बोले है मुझे तिखेसे बोल
14 Sep 2015 - 2:06 pm | ज्ञानोबाचे पैजार
चांगल वाटतय.
जरा याचे अजून दितेल्सा द्या की
पैजारबुवा,
14 Sep 2015 - 2:10 pm | रातराणी
णवीन पिक्चर मधलं आहे ते. फुक्रे. टाईमपास आहे. सोना मोहपात्राने म्हंटलय.
14 Sep 2015 - 2:38 pm | मारवा
गली में मारे फीरे
पास आने को मेरे
कभी फड़कता नैन मेरे तो
कभी फड़कता तोरे
कभी फड़कता नैन मेरे तो
कभी फड़कता तोरे
अम्बरसरिया..मुंडयावे कचिया कलियाँ ना तोड़
अम्बरसरिया..मुंडयावे कचिया कलियाँ ना तोड़
तेरे माँ ने बोले हैं मुझे तीखे से बोल
तेरे माँ ने बोले हैं मुझे तीखे से बोल
अम्बरसरिया..
हो अम्बरसरिया..
गोर गोर मेरे कलाई
गोर गोर मेरे कलाई
चूड़ियाँ काली काली
मैं शर्माती रोज़ लगाती
काजल सुरमा लाली
नहीं मैं सुरमा पाडा
रूप ना मैं चमकाना
नहीं मैं सुरमा पाडा
रूप ना मैं चमकाना
नैन नशीली हूँ अगर तो
सुरमे दी की लोड
अम्बरसरिया..मुंडयावे कचिया कलियाँ ना तोड़
अम्बरसरिया..मुंडयावे कचिया कलियाँ ना तोड़
तेरे मान ने बोले हैं मुझे तीखे से बोल
तेरे मान ने बोले हैं मुझे तीखे से बोल
अम्बरसरिया..
अम्बरसरिया
14 Sep 2015 - 2:42 pm | रातराणी
बंद पडल मिपा. अक्खी गाणी टाकून टाकून. दया करा त्या सर्वरवर. :)
14 Sep 2015 - 2:41 pm | मारवा
ये हसीन वादियां, ये खुला आसमां
आ गये हम कहाँ ऐ मेरे साजना
इन बहारों में दिल की कली खिल गयी
मुझ को तुम जो मिले हर खुशी मिल गयी
तेरे होठों पे हैं, हुस्न की बिजलियाँ
तेरे गालों पे हैं, जुल्फ की बदलियाँ
तेरे दामन की खुशबू से महके चमन
संगेमरमर के जैसा ये तेरा बदन
मेरी जान-ए-जां, मैं तेरी चाँदनी
छेड़ लो तुम आज कोई प्यार की रागिनी
ये हसीन वादियां, ये खुला आसमां
आ गये हम कहाँ, ऐ मेरे साजना
ये बंधन है प्यार का, देखो टूटे ना सजनी
ये जन्मों का साथ है, देखो छूटे ना सजना
तेरे आँचल की छाँव के तले मेरी मंज़िल मुझे मिल गयी
तेरी पलकों की छाँव के तले मोहब्बत मुझे मिल गयी
जी करता है साजना, दिल में तुम को बिठा लूँ
आ मस्ती की रात में, अपना तुम को बना लूँ
उठने लगे हैं तूफान क्यो, मेरे सीने में ऐ सनम
तुम्हे चाहूँगा दिल-ओ-जान से, मेरी जान-ए-जान तेरी कसम
म
14 Sep 2015 - 2:43 pm | रातराणी
खरोखर खेळताना पण अक्ख गाणं म्हणता का? :)
ह.घ्या
14 Sep 2015 - 2:46 pm | नीलमोहर
साजना 'न' येतोय
न तुम हमें जानो
न हम तुम्हे जाने
मगर लगता है कुछ ऐसा मेरा हमदम मिल गया
14 Sep 2015 - 2:52 pm | नीलमोहर
साजना 'न' येतोय
न तुम हमें जानो
न हम तुम्हे जाने
मगर लगता है कुछ ऐसा मेरा हमदम मिल गया
14 Sep 2015 - 2:55 pm | मारवा
ये कहॉ आ गये हम युही साथ चलते चलते
तेरी बाहो मे है जानम मेरे जिस्म जा पिघलते
त
14 Sep 2015 - 2:58 pm | गॅरी ट्रुमन
तेरे दर पर सनम चले आये
तू ना आया तो हम चले आये
बीन तेरे कोई आस भी ना रही
इतने तरसे के प्यास भी ना रही
लडखडाये कदम, चले आये
(अक्षरः य)
14 Sep 2015 - 2:57 pm | गॅरी ट्रुमन
ये जो थोडेसे है पैसे खर्च तुमपर करू कैसे
अगर कही दुकान होती जहा पे मिलते गगन के तारे
मै सारे तारे खरीद लेता तुम्हारे आंचल मै टांक देता
मगर क्या करू की मै ये जानता हू तारे मिलते नही ऐसे
ये जो थोडेसे है पैसे खर्च तुमपर करू कैसे
अक्षरः (स)
14 Sep 2015 - 3:00 pm | प्यारे१
गॅरी ट्रुमन प्लेईंग लेडी फिंगर्स??????
जस्ट कान्ट बिलिव्ह धिस. ;)
14 Sep 2015 - 3:02 pm | गॅरी ट्रुमन
:)
14 Sep 2015 - 3:01 pm | रातराणी
सागर किनारे दिल ये पुकारे
तू जो नही तो मेरा कोई नही है
14 Sep 2015 - 3:03 pm | गॅरी ट्रुमन
हम ने तुम को देखा, तुम ने हम को देखा, ऐसे
हम तुम सनम, सातो जनम, मिलते रहे हो जैसे
आँखों का रह रह के मिलना, मिल के झुक जाना
कर देती हैं यही अदाए, दिल को दीवाना
हुआ यूँ सामना, पडा दिल थामना
अक्षर-- (न)
14 Sep 2015 - 3:12 pm | रातराणी
नैनो की मत सुनियो रे
नैना ठग लेंगे, नैना ठग लेंगे
14 Sep 2015 - 3:16 pm | नीलमोहर
गाना मेरे बस की बात नहीं
सुर और ताल का साथ नहीं..
14 Sep 2015 - 3:17 pm | पद्मावति
गरजत बरसत सावन आयो रे,
गरजत बरसत सावन आयो रे
लायो न संग में, हमरे बिछड़े बलमवा
सखी का करूं हाय, गरजत बरसत सावन आयो रे
गरजत बरसत सावन
आयो रे सावन आयो, सावन आयो रे
गरजत बरसत सावन
14 Sep 2015 - 3:18 pm | केदार-मिसळपाव
आजा रे आजारे मेरे दिलबर आजा
दिल की प्यास बुझाझा रे..
र घ्या..
14 Sep 2015 - 3:22 pm | पद्मावति
रैना बीती जाय,
श्याम न आए
निंदिया ना आए
रैना बीती जाय
य घ्या
14 Sep 2015 - 3:23 pm | रातराणी
रात के हमसफ़र थकके घरको चले,
झूमती आ रही है सुबह प्यार की,
14 Sep 2015 - 3:32 pm | Gayatri Muley
ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे
तोड़ेंगे दम मगर
तेरा साथ ना छोडेंगे
ग
14 Sep 2015 - 3:34 pm | गॅरी ट्रुमन
गोरी तेरा गाँव बड़ा प्यारा, मैं तो गया मारा, आ के यहा रे
उस पर रूप तेरा सादा, चंद्रमा ज्यों आधा, आधा जवान रे
जी करता हैं, मोर के पाँव में पायलियाँ पहना दूँ
कूहू कूहू गाती कोयलियाँ को, फूलों का गहना दूँ
यही घर अपना बनाने को, पंछी करे देखो, तिनकें जमा रे
(अक्षर-- र)
14 Sep 2015 - 3:34 pm | मारवा
गाता रहे मेरा दिल तु ही मेरी मंझील
कही बीते ना ये राते कही बीते ना ये दिन
न
14 Sep 2015 - 3:34 pm | मारवा
गाता रहे मेरा दिल तु ही मेरी मंझील
कही बीते ना ये राते कही बीते ना ये दिन
न
14 Sep 2015 - 3:37 pm | नीलमोहर
न जाने क्यूं
होता है ये जिंदगी के साथ
अचानक ये मन
किसी के जाने के बाद
करे फिर उसकी याद
छोटी छोटीसी बात
न जाने क्यूं..
14 Sep 2015 - 3:40 pm | मारवा
झालय
14 Sep 2015 - 3:37 pm | मारवा
रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई
सुबह को जब हम नींद से जागे, आँख तुम ही से चार हुई
चाहे कहो इसे मेरी मोहब्बत, चाहे हँसी में उड़ा दो
ये क्या हुआ मुझे मुझको खबर नहीं, हो सके तुम ही बता दो
तुम ने कदम तो रखा जमीन पर, सीने में क्यों झंकार हुई
ई
14 Sep 2015 - 3:40 pm | गॅरी ट्रुमन
इधर चला मै उधर चला जाने कहा मै किधर चला
अरे फिसल गया ये तुने क्या किया
य
14 Sep 2015 - 3:42 pm | रातराणी
गल मीठी मीठी बोल
रस कानोमे तू घोल
बजने दे ताशे ढोल
मस्तीमे तूभी डोल
मन के नैना तू खोल
चाहत के मोती रोल
दिल होता है अनमोल
ये दौलतसे ना तोल
ओ सोनी तेनू चांद की मैं चूड़ी पेहनावा.
हुश्श खूप खेळले आज. मज्जा आली.
14 Sep 2015 - 3:42 pm | Gayatri Muley
रमैय्या वस्तावैय्या, रमैय्या वस्तावैय्या
मैंने दिल तुझको दिया
मैंने दिल तुझको दिया
य
14 Sep 2015 - 3:43 pm | पद्मावति
ये लम्हे, ये पल हम बरसों याद करेंगे
ये मौसम चले गये तो हम फर्याद करेंगे
इन सपनों की तस्वीरों से, इन यादों की जंजीरों से
अपने दिल को कैसे हम आझाद करेंगे
ये मौसम चले गये तो हम फर्याद करेंगे
14 Sep 2015 - 3:47 pm | मारवा
गोरे गोरे मुखडे पे काला काला चश्मा
तौबा खुदा करे
खुब है करीश्मा
खुब है करीश्मा
म
14 Sep 2015 - 3:49 pm | गॅरी ट्रुमन
मेरे नैना सावन भादो फिर भी मेरा मन प्यासा
बात पुरानी है, एक कहानी है
अब सोचूं तुम्हे याद नहीं है, अब सोचूं नहीं भूलें
वो सावन के झूलें
रुत आये रुत जाये दे के झूठा एक दिलासा
बरसों बीत गये, हम को मिले बिछड़े
बिजुरी बन के गगन पे चमकी बीते समय की रेखा
मैंने तुमको देखा
तड़प तड़प के इस बिरहन को आया चैन जरासा
स
14 Sep 2015 - 3:52 pm | बॅटमॅन
साथियाऽऽऽ हो...साथियाऽऽऽ हो...
मद्धम मद्धम तेरी गीली हसी....
हस्ती रहे तू हस्ती रहे, हया की लाली खिलती रहे,
जुल्फों के नीचे गरदन पे, स्बहोशाम खिलती रहे...
सोणिसी हसी तेरी, मिलती रहे मिलती रहे...
(थोड्याफार चूभूदेघे, तरी लिरिक्स बाकी अचूक आहे.)
पुढील अक्षर ह.
14 Sep 2015 - 3:53 pm | मारवा
साथिया ये तुने क्या कहा, बेलिया ये तुने क्या कहा
यूँ ना कभी करना इंतज़ार
मैंने किया है तुमसे प्यार
मैंने किया है तुमसे प्यार
र
14 Sep 2015 - 3:52 pm | पद्मावति
सो गया ये समा सो गया आसमान
सो गयी है सारी मंजिले, सो गया है रास्ता
सो गया ये समा सो गया आसमान
न
14 Sep 2015 - 3:53 pm | पद्मावति
किंवा आसमा चा म
14 Sep 2015 - 3:54 pm | बॅटमॅन
न जाने मेरे... दिलको क्या... होगया....
अभी तो यहीं...था कहीं.... खोगया....
अरे होगया है तुझको तो प्यार सजना
लाख करले तू इनकार सजना
हय ये प्यार सजना....
न
14 Sep 2015 - 3:54 pm | नीलमोहर
निंदीया से जागी बहार
ऐसा मौसम देखा पहली बार..
14 Sep 2015 - 3:55 pm | Gayatri Muley
मेला दिलों का आता है इक बार आके चला जाता है
आते हैं मुसाफिर जाते हैं मुसाफिर
जाना ही है उनको क्यों आते हैं मुसाफिर
मेला दिलों का …
क
14 Sep 2015 - 3:59 pm | बॅटमॅन
कबसे आये हैं तेरे दुल्हे राजा...
अब देर नाऽऽ कर तू जल्दी आजा...
ऐ दिल..चलेगा अब ना कोई बहाना
गोरी को होगा अब साजन के घर जाना
माथेऽ की बिंदियां क्या बोले हैं सुन्सुन्सुन्सुन....
साजन्जी घर आये, साजन्जी घर आये,
दुल्हन क्यूं शरमाये, साजन्जी घर आये...
य.
14 Sep 2015 - 3:56 pm | मारवा
बहोत नाइन्साफी है