वळवथेंब

अज्ञातकुल's picture
अज्ञातकुल in जे न देखे रवी...
31 Aug 2012 - 1:29 pm

एक थेंब वळवाचा
अंकुर पुन्हा उजवेल
खपलीखालच्या वळणापाशी
नवा श्रावण हिरवळेल

पाउलवाटांचं काय
पाऊल पडेल तिथे वाट सापडेल
अवखळ खळखळणारं पाणी
ओंजळीत साकळेल

आकाशही मावेल मग त्यात

रुसलेलं गावेल
निर्व्याज पावेल
मावळतीच्या संध्येकाठी
चंद्र चांदणं हसेल

..................अज्ञात

शांतरसकविता

प्रतिक्रिया

मोहनराव's picture

31 Aug 2012 - 1:37 pm | मोहनराव

अप्रतिम!

पैसा's picture

31 Aug 2012 - 7:01 pm | पैसा

कविता आवडली!

स्पंदना's picture

1 Sep 2012 - 7:26 am | स्पंदना

क्या बात है।

रुसलेलं गावेल
निर्व्याज पावेल
मावळतीच्या संध्येकाठी
चंद्र चांदणं हसेल

अंहं?

पक पक पक's picture

1 Sep 2012 - 8:47 am | पक पक पक

मस्त ,झक्कास... :)

अत्रुप्त आत्मा's picture

1 Sep 2012 - 2:55 pm | अत्रुप्त आत्मा

मस्त

प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे's picture

1 Sep 2012 - 4:12 pm | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे

आवडली कविता.

जाई.'s picture

1 Sep 2012 - 6:35 pm | जाई.

कविता आवडली

अन्या दातार's picture

1 Sep 2012 - 6:44 pm | अन्या दातार

टुक्कार धाग्यांमध्ये उठून दिसणारे काव्य. अज्ञातकुल यांच्या अश्याच सुंदर सुंदर कविता वरचेवर वाचायला मिळोत. :)

निरन्जन वहालेकर's picture

1 Sep 2012 - 7:55 pm | निरन्जन वहालेकर

क्या बात है ! सुन्दर ! आवडली कविता ! ! !

ज्ञानराम's picture

2 Sep 2012 - 10:04 am | ज्ञानराम

अप्रतिम कविता....

...>>>क्कार धाग्यांमध्ये उठून दिसणारे काव्य. अज्ञातकुल यांच्या अश्याच सुंदर सुंदर कविता वरचेवर वाचायला मिळोत.
सहमत.

शुचि's picture

2 Sep 2012 - 8:43 pm | शुचि

छान आहे कविता.

मदनबाण's picture

3 Sep 2012 - 7:51 pm | मदनबाण

छान. :)

फिझा's picture

5 Mar 2013 - 4:38 am | फिझा

मस्त !!

श्रिया's picture

5 Mar 2013 - 5:38 pm | श्रिया

मस्त!आवडली!

मिसळलेला काव्यप्रेमी's picture

5 Mar 2013 - 5:52 pm | मिसळलेला काव्यप्रेमी

रुसलेलं गावेल
निर्व्याज पावेल
मावळतीच्या संध्येकाठी
चंद्र चांदणं हसेल

क्या बात है|

आदूबाळ's picture

5 Mar 2013 - 9:19 pm | आदूबाळ

व्वा! "वळवथेंब" हा शब्दच मनोहारी आहे.

पाउलवाटांचं काय
पाऊल पडेल तिथे वाट सापडेल

क्या बात!

पण...

रुसलेलं गावेल

हा शब्द काव्याच्या इतर शब्दसंपदेशी फटकून राहिला आहे असं वाटतं...

इन्दुसुता's picture

6 Mar 2013 - 12:08 am | इन्दुसुता

अप्रतिम...
खूपच आशादायी.

वेल्लाभट's picture

6 Mar 2013 - 12:15 pm | वेल्लाभट

छान

कवितानागेश's picture

7 Mar 2013 - 12:47 am | कवितानागेश

फारच सुंदर आहे रचना... परत परत वाचतेय.. गार गार वाटतय. :)