अबोला..

प्राची अश्विनी's picture
प्राची अश्विनी in जे न देखे रवी...
20 Sep 2022 - 4:02 pm

तुझ्या एका अबोल्यानं
उदासली फुलदाणी.
जीव झाला वेडापिसा
आणि काळजाचं पाणी..

तुझ्या एका अबोल्याची
कशी खुलावी रे कळी?
सुचेनासे होते काही
लोकं म्हणतात खुळी.

तुझ्या एका अबोल्यात
किती चंद्र गेले वाया..
अरे वेड्या, पाऊसही
आता आला नं संपाया!

तुझ्या एका अबोल्याशी
आता माझाही अबोला,
बघतेच किती वेळ
झुलतो हा खेळझुला!

कविता

प्रतिक्रिया

तुझ्या एका अबोल्याशी
आता माझाही अबोला,
बघतेच किती वेळ
झुलतो हा खेळझुला

सुंदर!

सस्नेह's picture

20 Sep 2022 - 6:16 pm | सस्नेह

क्या बात..

कर्नलतपस्वी's picture

20 Sep 2022 - 6:48 pm | कर्नलतपस्वी

तुझ्या एका अबोल्याशी
आता माझाही अबोला,
बघतेच किती वेळ
झुलतो हा खेळझुला!

डेंजर सिच्युएशन,

कुणीतरी पाढंर निशाण लवकर दाखवा.

छान, आवडली.

उग्रसेन's picture

20 Sep 2022 - 9:18 pm | उग्रसेन

तुझ्या एका अबोल्याशी
आता माझाही अबोला,
बघतेच किती वेळ
झुलतो हा खेळझुला!

अहाहा...!

श्रीगणेशा's picture

21 Sep 2022 - 1:27 am | श्रीगणेशा

तुझ्या एका अबोल्याशी
आता माझाही अबोला,
बघतेच किती वेळ
झुलतो हा खेळझुला!

छानच!

ज्ञानोबाचे पैजार's picture

21 Sep 2022 - 9:11 am | ज्ञानोबाचे पैजार

तुझ्या एका अबोल्याशी
आता माझाही अबोला,
बघतेच किती वेळ
झुलतो हा खेळझुला!

ह्या ओळी वाचताना काळजात हलकिशी कळ उमटली. भावना कशी चपखल उतरली आहे शब्दात.

प्राचीताई शब्दांच्या जादुगार आहेत खर्‍या,

पैजारबुवा,

खेडूत's picture

21 Sep 2022 - 12:08 pm | खेडूत

सुरेख कविता!

त्याने धरला म्हणून
नको धरू तू अबोला
आर्त नजरेत एका
जाई विरुन अबोला.

ज्ञानोबाचे पैजार's picture

21 Sep 2022 - 12:15 pm | ज्ञानोबाचे पैजार

त्याने धरला म्हणून
नको धरू तू अबोला
तुझ्या धारदार नजरेने एका
जाईल विरुन अबोला.

(धारदार नजरेच्या धारेखाली आयुष्य कंठणारा) पैजारबुवा,

प्राची अश्विनी's picture

22 Sep 2022 - 5:38 pm | प्राची अश्विनी

हाहा!

श्वेता२४'s picture

21 Sep 2022 - 1:12 pm | श्वेता२४

.

चौथा कोनाडा's picture

21 Sep 2022 - 6:59 pm | चौथा कोनाडा

व्वा, सुंदर!
आवडला अबोला, पण लवकर संपवा बुवा !

प्राची अश्विनी's picture

22 Sep 2022 - 5:38 pm | प्राची अश्विनी

:):)

मिसळलेला काव्यप्रेमी's picture

21 Sep 2022 - 7:10 pm | मिसळलेला काव्यप्रेमी

खेळझुला.. वाह! नादमयी!

प्रचेतस's picture

22 Sep 2022 - 9:02 am | प्रचेतस

खूपच सुरेख

प्राची अश्विनी's picture

22 Sep 2022 - 5:34 pm | प्राची अश्विनी

सर्वांना मनापासून धन्यवाद!

चांदणे संदीप's picture

22 Sep 2022 - 7:16 pm | चांदणे संदीप

प्राचीतैंची अजून एक सुंदर रचना. वाखूसा आहे.
मीही मागे एक अबोल्यावर अबोला नावाचीच एक कविता लिहिली पण ती अतिशय गंभीर स्वरूपाची आहे. ही मात्र पुन्हापुन्हा वाचावी अशीच आहे.

सं - दी - प

ज्ञानोबाचे पैजार's picture

23 Sep 2022 - 4:26 pm | ज्ञानोबाचे पैजार

प्राचीतैंची अजून एक सुंदर रचना. वाखूसा आहे.
मीही मागे एक अबोल्यावर (मुलिंनी धरु नये अबोला) नावाचीच एक कविता लिहिली ती पण अतिशय गंभीर स्वरूपाची आहे. ही मात्र पुन्हापुन्हा वाचावी अशीच आहे.

पै - जा - र - बु - वा - ,

चांदणे संदीप's picture

23 Sep 2022 - 4:48 pm | चांदणे संदीप

मा - ऊ - ली

_________/\_________

सं - दी - प

अनन्त्_यात्री's picture

22 Sep 2022 - 8:11 pm | अनन्त्_यात्री

कविता वाचत असल्याचा भास झाला!

विजुभाऊ's picture

26 Sep 2022 - 6:50 pm | विजुभाऊ

खरेच मलाही अगदी हेच वाटले.

प्राची अश्विनी's picture

23 Sep 2022 - 9:29 am | प्राची अश्विनी

चांदणे संदीप आणि अनंतयात्री, धन्यवाद!

श्वेता व्यास's picture

26 Sep 2022 - 3:09 pm | श्वेता व्यास

खूप सुरेख कविता!

अभिजीत अवलिया's picture

26 Sep 2022 - 9:12 pm | अभिजीत अवलिया

सुरेख कविता.

प्राची अश्विनी's picture

1 Oct 2022 - 6:17 am | प्राची अश्विनी

विजुभाऊ, अभिजित आणि श्वेता.. धन्यवाद!