स्वप्नयोगी in जे न देखे रवी... 18 May 2009 - 7:07 pm तुझी आठवण कधी पाउल न वाजवता येते, कधी थैमान घालते तर कधी कळ्या फुलवते येथे. चारोळ्या प्रतिक्रिया वोव सो 18 May 2009 - 7:08 pm | पर्नल नेने मराठे वोव सो रोमन्तिक ;;) चुचु मस्थच म्ला 18 May 2009 - 8:00 pm | बाकरवडी मस्थच म्ला पन आवदले. :B :B :B बाकरवडी :B :B :B सुरेख! 18 May 2009 - 9:47 pm | क्रान्ति सुरेख चारोळी! क्रान्ति ***मन मृदु नवनीत | मन अभेद्य कातळ मन भरली घागर | मन रिकामी ओंजळ***
प्रतिक्रिया
18 May 2009 - 7:08 pm | पर्नल नेने मराठे
वोव
सो रोमन्तिक ;;)
चुचु
18 May 2009 - 8:00 pm | बाकरवडी
मस्थच म्ला पन आवदले.
:B :B :B बाकरवडी :B :B :B
18 May 2009 - 9:47 pm | क्रान्ति
सुरेख चारोळी!
क्रान्ति
***मन मृदु नवनीत | मन अभेद्य कातळ
मन भरली घागर | मन रिकामी ओंजळ***