"आई, मी शाळेत जाणार नाय" गणू रडत सांगत होता."पोरं मला जाडया जाडया चिडवत्यात. आणखीन मी आन समोरची सरस्वती जोडीनी शाळेत निघालो का पोरं गण्या गणपती ढेर चमकती गण्याची बायकू सरस्वती असं वरडत्यात."
"बरं मी सांगते गुर्जींना पोरांना सांगायला." गणूची आई.
"पण मीच का जाड? "
"ते देवाच्या हातात असतं बाळा.”
आईनी गणूची कशीबशी समजूत काढली.
संध्याकाळी गणू आनंदाने ओरडतच घरी आला. "आई, पुण्याला बाल नाटय स्पर्धा हाये. गुर्जी म्हंटले आपल्याला तब्येतवान राजा पायजे. आख्ख्या वर्गात माझीच निवड झाली.”
"अरे वा! आता देवावर राग नाय ना तुझा? "
"नाय" असे म्हणून गणूने दप्त्तर फेकले आणि आळीतल्या मित्रांना सुवार्ता सांगायला धूम ठोकली.
प्रतिक्रिया
7 Aug 2015 - 7:36 pm | जडभरत
+१ मी पयला!!!
मस्तच बबनराव
खूप मस्त!!! आणि ते गाणं पण खूप मजेशीरंय!!! ;)
7 Aug 2015 - 7:41 pm | बबन ताम्बे
ते गाणं पण खूप मजेशीरंय!!!
शाळेमधे काही टवाळ पण प्रतिभावान पोरे असतात :-)
10 Aug 2015 - 2:45 pm | gogglya
आहेत... एकाचे नावच आहे ते!
10 Aug 2015 - 3:05 pm | बबन ताम्बे
टकांचे आम्ही पण फॅन आहोत.
7 Aug 2015 - 8:00 pm | नीलमोहर
+१ यासाठी :)
"गण्या गणपती ढेर चमकती गण्याची बायकू सरस्वती"
7 Aug 2015 - 8:04 pm | नीलमोहर
न मागता एक सूचना, कथेचं नाव 'गण्या गणपती'ठेवलं तर जास्त अनुरुप होईल.
7 Aug 2015 - 8:07 pm | बबन ताम्बे
पण एडीट ची सुविधा मला कुठे दिसत नाही.
7 Aug 2015 - 8:11 pm | कॅप्टन जॅक स्पॅरो
झक्कास ओ!!
+१
7 Aug 2015 - 8:33 pm | अत्रुप्त आत्मा
@गण्या गणपती ढेर चमकती गण्याची बायकू सरस्वती >>
+१ +१ +१
7 Aug 2015 - 11:55 pm | चौथा कोनाडा
फस्सकन हसु आले "गण्या गणपति हे बालपणीचे फेव्हरेट चिडवाचिडवी सॉंग चाली सकट डोक्यात वाजायला लागल्यामुळे .... !
बबनराव,, भारीय तुमचा गणु ! नाटकात राजा च्या रोलसाठी सिलेक्ट झाल्यामुळे शेलिब्रेटीच !
गण्याची सरस्वती सोबतची काही टाईमपास "स्टोरी "असलतर सिक्वेल नक्की टाका !
10 Aug 2015 - 11:32 am | बबन ताम्बे
तुमच्या शुभेच्छा गणू पर्यंत पोचवल्या आहेत. :-)
11 Aug 2015 - 1:57 pm | चौथा कोनाडा
+++१
7 Aug 2015 - 11:59 pm | मधुरा देशपांडे
+1
8 Aug 2015 - 12:23 am | मी-सौरभ
मस्त हलक़ फुलक
8 Aug 2015 - 1:05 am | बोका-ए-आझम
+१
8 Aug 2015 - 1:14 am | प्यारे१
मस्तच
+१
8 Aug 2015 - 1:26 am | सचिन तेली
+१ आवडली कथा.
8 Aug 2015 - 1:52 am | स्रुजा
गाणं काय भारी आहे, हाहा +१
8 Aug 2015 - 2:40 am | जुइ
कथा आवडली!
8 Aug 2015 - 9:04 am | पैसा
+१
मस्त आहे कथा!
8 Aug 2015 - 9:17 am | नाखु
आवडली."बाळ्सेदार" कथा !!!!
8 Aug 2015 - 9:53 am | टुंड्रा
+1
8 Aug 2015 - 12:36 pm | जगप्रवासी
+१
लहानपणी सर्वांनी चिडवलेला ढेरपोट्या गणपती (जगप्रवासी)
8 Aug 2015 - 12:46 pm | सौंदाळा
+१
लहान मुले नादिष्ट असतात. श्रावणातल्या ऊन-पावसाप्रमाणे त्यांचे मुड झरझर बदलतात.
१०० शब्दात मस्तच टिपलं हे
8 Aug 2015 - 5:46 pm | मुक्त विहारि
+१
8 Aug 2015 - 5:55 pm | खटपट्या
+१
8 Aug 2015 - 6:10 pm | रेवती
+१
8 Aug 2015 - 6:38 pm | प्रीत-मोहर
+१
8 Aug 2015 - 7:20 pm | उगा काहितरीच
+१ छान एका पट्टीतली कथा !
8 Aug 2015 - 7:54 pm | नाव आडनाव
+१
9 Aug 2015 - 12:38 pm | चांदणे संदीप
+1
9 Aug 2015 - 1:10 pm | तुमचा अभिषेक
+१
9 Aug 2015 - 3:40 pm | इशा१२३
+१
10 Aug 2015 - 8:33 am | अमृत
+१
10 Aug 2015 - 10:15 am | अविनाश पांढरकर
+१
10 Aug 2015 - 10:25 am | ब़जरबट्टू
झक्कास !
10 Aug 2015 - 10:25 am | अंजली पाटील
+१
10 Aug 2015 - 1:10 pm | तुडतुडी
मस्त +१
10 Aug 2015 - 2:26 pm | तुषार काळभोर
+१
10 Aug 2015 - 2:46 pm | gogglya
+१
11 Aug 2015 - 1:50 pm | चौथा कोनाडा
+१
11 Aug 2015 - 2:35 pm | गिरकी
+१
11 Aug 2015 - 5:32 pm | अन्या दातार
+१
12 Aug 2015 - 1:48 pm | चिगो
मस्तच कथा..
(ढेरपोट्या) चिगो..