वसंत

आनंदमयी's picture
आनंदमयी in जे न देखे रवी...
20 Mar 2015 - 5:04 pm

वार्यावर मंद निनादे
ती श्रीकृष्णाची मुरली
त्या अवखळ स्वरलहरींना
अवखळशी कविता स्फुरली...

ल्याइली आज धरणीने
का गर्भरेशमी शाल
किरणांनी आकाशात
उधळला कशास गुलाल

पसरला रोमरोमी का
अवखळसा एक शहारा
का कसा कुणास्तव आज
हा निसर्ग नटला सारा

पसरली सुखाची चर्या
अन् उडून गेली खंत
अवतरे आज धरणीवर
तो ऋतुराज वसंत

अदिती जोशी

कविता

प्रतिक्रिया

अगदी शब्दाशब्दातनं आनंद ओसंडून वहातोय...

सुंदर कविता!
धन्यवाद!

अत्रुप्त आत्मा's picture

20 Mar 2015 - 7:38 pm | अत्रुप्त आत्मा

क्या बात...! क्या बात...! क्या बात...!

सलाम स्विकारा !

मधुरा देशपांडे's picture

20 Mar 2015 - 7:54 pm | मधुरा देशपांडे

सुरेख. खूप आवडली कविता.

मोनू's picture

21 Mar 2015 - 4:06 pm | मोनू

कविता आवडली ... छान .

चाणक्य's picture

21 Mar 2015 - 4:41 pm | चाणक्य

मस्त लयबद्ध काव्य

मिसळलेला काव्यप्रेमी's picture

24 Mar 2015 - 9:27 pm | मिसळलेला काव्यप्रेमी

परत एकदा दर्जेदार रचना!!

वेल्लाभट's picture

4 Aug 2015 - 3:01 pm | वेल्लाभट

क्लास लिहिली आहे !

चाणक्य's picture

4 Aug 2015 - 6:52 pm | चाणक्य

आवडली