मृगजळ...

माधुरी विनायक's picture
माधुरी विनायक in जनातलं, मनातलं
30 Mar 2017 - 1:22 pm

अख्खा दिवस सरतो रणरणत्या उन्हात. सरत्या संध्याकाळी होणाऱ्या भेटीची वाट बघण्यात. उन्हं कलतात, साजरा संधिप्रकाश पसरतो आभाळभर. ठरल्या ठिकाणी जमू लागतात एक-एक करत सगळेच. जीवाभावाची मित्रमंडळी एकत्र आली की छान निवांत गप्पा होतात, खाणं-पिणं होतं, आठवणी जागवल्या जातात आणि कोणाच्यातरी तोंडून अभावितपणे मनातली भावना शायरीवाटे व्यक्त होते. त्याला प्रतिसाद म्हणून साजेशा ओळी समोरून येतात आणि मग रंगत जाते रात्र... मैत्रीची, आठवणींची, प्रेमाची, शायरीची...

जब रूह में उतर जाता है बेपनाह इश्क का समंदर
लोग जिंदा तो होते हैं, मगर किसी और के अंदर

दौलत नहीं, शोहरत नहीं, न वाह चाहिये
कैसे हो..? "बस दो लफ्ज़ों की परवाह चाहिये

हिसाब-किताब हम से न पूछ ऐ ज़िन्दगी,
तूने सितम नही गिने, तो हम ने भी ज़ख्म नही गिने

रख लो आईने हज़ार तसल्ली के लिए,
पर सच के लिए तो आँखें ही मिलानी प़डेगी...

कशिश हो तो दुनियां मिलने को मचलती है,
जिन्दगी शर्तो से नहीं जिंदादिली से चलती है...

तेरी चाहत में रुसवा यूं सरे बाज़ार हो गये,
हमने ही दिल खोया और हम ही गुनाहगार हो गये...

अब ना कोई शिकवा, ना गिला, ना कोई मलाल रहा
सितम तेरे भी बेहिसाब रहे, सब्र मेरा भी कमाल रहा

लत ऐसी लगी है की "तेरा नशा" छोड़ा नही जाता,
और हकीम भी कह रहा है की एक बूँद भी "इश्क" की अब जानलेवा है...!!

दिलों में खोट है ज़ुबां से प्यार करते हैं...
बहुत से लोग दुनिया में यही व्यापार करते हैं

कोई सजा सुनानी है तो सुना सकते हो...!!!
गुस्ताख आंखो ने आज फिर तुम्हारे ख्वाब देखे है...!!!

मुस्कुरा कर देखने और
देख कर मुस्कुराने मे
बड़ा फर्क है..
नतीजे बदल जाते है
और
कभी कभी रिश्ते भी..!

जो मरहम ना मिले तू नमक ही लगा देना
हम तेरे छूने से ही ठीक हो जाएगें..!

सपने अपलोड तो तुरंत हो जाते है,
डाउनलोड करने मे जिंदगी निकल जाती है...

बोतल है हाथ में और गिलास सामने,
मेरा सब्र देखिए जाम बन नहीं रहा...

समंदर में ले जाकर फरेब मत देना
साहिल
तुम कहो तो किनारे पे ही मैं डूब जाऊं

हम अल्फ़ाज़ों के इंतज़ार में थे....
उन्होंने खामोशी से वार कर दिया...!!

कुछ और उगता नही, सिवाय तेरी यादों के..
दिल की ज़मीन पर बस तेरी ज़मींदारी है..

कभी दिल, कभी दिमाग,
कभी नज़र में रहो
ये सब तुम्हारे ही हैं,
किसी भी घर में रहो..

ये जो मैंने खुद को बदला है ...
ये मेरा तुझसे बदला है !!!!!!

वो सुना रहे थे अपनी वफाओ के किस्से,
हम पर नज़र पड़ी तो खामोश हो गए..

वाङ्मयआस्वाद

प्रतिक्रिया

अमरप्रेम's picture

31 Mar 2017 - 12:06 pm | अमरप्रेम

मजा आ गया.....