मंद मंद पहाट

चांदणशेला's picture
चांदणशेला in जे न देखे रवी...
17 Feb 2017 - 7:06 pm

मंद मंद पहाट वेडी
दवांत नाचती अजूनही थोडी

उतरता माथ्यावरूनी रात्र खुळी
उमलली गगन वेलींतूनी सूर्य कळी

निळ्या निळ्या अभ्रांच्या छतावरूनी
गेले कोमल किरणांचे कर फिरूनी

फडफड पाखरांची उभ्या झाडांवरती
उषाराणी अशी तेथूनी फिरती

ऐसे लावण्य झाकाळती धुके
असीम धरेचे रम्य गूढ बोलके

मुक्त कविताकविता

प्रतिक्रिया

शार्दुल_हातोळकर's picture

17 Feb 2017 - 10:00 pm | शार्दुल_हातोळकर

उत्कृष्ट वर्णन !! कविता आवडली !!

अत्रुप्त आत्मा's picture

18 Feb 2017 - 8:05 am | अत्रुप्त आत्मा

वाहव्वा रे वाहव्वा! मजा आ गया.

चांदणशेला's picture

18 Feb 2017 - 9:46 am | चांदणशेला

धन्यवाद

पैसा's picture

18 Feb 2017 - 9:49 am | पैसा

सुंदर वर्णन!

Pradip kale's picture

19 Feb 2017 - 3:46 pm | Pradip kale

खुपच सुंदर वर्णन !!!

चांदणशेला's picture

20 Feb 2017 - 7:43 am | चांदणशेला

धन्यवाद

माहितगार's picture

20 Feb 2017 - 7:50 am | माहितगार

छान

dhananjay.khadilkar's picture

21 Feb 2017 - 11:29 pm | dhananjay.khadilkar

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