नवे काव्य
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मिसळपाव.कॉमवरील सर्व नवीन काव्य येथून बघता येईल.
लेख | लेखक | प्रतिक्रिया |
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लयीत एका झुलवीत | बिपीन सुरेश सांगळे | 1 |
मैत्री! | चलत मुसाफिर | 1 |
कोविड-कोविड गोविंद गोविंद | बाजीगर | 3 |
रात्र - चारोळी | शब्दानुज | 1 |
तू | सुमित_सौन्देकर | 1 |
परतीचे प्रवास | मका म्हणे | 1 |
प्रतिभा | कुमार जावडेकर | 1 |
slow down | अमलताश_ | 1 |
चारोळ्या | राजा सोवनि | 1 |
दिवाळी इथली आणि तिथली | VRINDA MOGHE | 1 |
मी आणि तू | श्रिया सामंत | 1 |
नीरव | सरीवर सरी | 1 |
तप्तमुद्रा | अनन्त्_यात्री | 1 |
पावसाळी सहजकाव्य | अत्रुप्त आत्मा | 5 |
आधार कार्ड | कर्नलतपस्वी | 1 |
गाठोड | कर्नलतपस्वी | 1 |
आपलेच दात..... | मका म्हणे | 1 |
काल आणी आज | कर्नलतपस्वी | 1 |
आपलं कुणी | VRINDA MOGHE | 1 |
गुरुदेवांना श्रध्दान्जली | खिलजि | 1 |
हाक...... | Jayagandha Bhat... | 1 |
अंतर्नाद | अनन्त्_यात्री | 1 |
कबुलीजबाब | अनन्त्_यात्री | 1 |
नव्हतं ठाऊक | सरीवर सरी | 1 |
कवितेनंतर | अनन्त्_यात्री | 1 |
(बहुतेक रेशमी "होती" !) | प्रसाद गोडबोले | 12 |
..बहुतेक रेशमी होते! | राघव | 11 |
कहीं ये वो तो नही | प्रज्ञादीप | 2 |
चैत्री पाडवा.... | Jayagandha Bhat... | 12 |
या अशा कुंठीत वेळी | अनन्त्_यात्री | 8 |
श्रीरंग.... | Jayagandha Bhat... | 3 |
पुनवेचं चांदणं | चांदणशेला | 3 |
प्राणिपात कोटि कोट | सतिश | 61 |
सावली | सरीवर सरी | 3 |
आपलं कुणी | VRINDA MOGHE | 1 |
मनातला ऐवज.. | सरीवर सरी | 5 |
खिडकी | अनन्त्_यात्री | 4 |
ते तुझ्याचपाशी होते | अनन्त्_यात्री | 2 |
कविता - कृष्णधून | VRINDA MOGHE | 4 |
स्त्रीत्वाचा सन्मान | ज्योति अळवणी | 3 |
रे गझलाकारा, आवर तुझे दुकान... | मोदक | 45 |
तुझे चालणे दरवळून जाते....... | किरण कुमार | 7 |
डेस्टिनेशन ∞ | अनन्त्_यात्री | 5 |
ऊन्हाचा तुकडा | प्रसाद साळवी | 1 |
काय पाठवू पोस्ट? | बाजीगर | 9 |
ती | आर्णव | 2 |
ठिपके | अनन्त्_यात्री | 9 |
थोतांडवादी | आनन्दा | 6 |
गुरुघंटाल | कर्नलतपस्वी | 4 |
तू कितीसा उजेड पाडलास? | उपयोजक | 6 |
भगवंत.... | Jayagandha Bhat... | 6 |
मन | पद्मश्री चित्रे | 14 |
(ठिपसे) | खेडूत | 2 |
मुर्ख | कर्नलतपस्वी | 4 |
तोरण मरणाचे | गणेशा | 9 |
आतल्या आत | अनन्त्_यात्री | 5 |
असंही व्हॅलेंटाइनचं सेलिब्रेशन... | मनस्विता | 4 |
मरण... | Jayagandha Bhat... | 8 |
(आतल्या आत) | ज्ञानोबाचे पैजार | 5 |
प्रवासी | आर्णव | 6 |
वार्याने पेटते रान आता हे .. | गणेशा | 10 |
मुक्त | सरीवर सरी | 7 |
जेव्हा अदम्य ऐसी | अनन्त्_यात्री | 7 |
'असेल घडले' आज काही इतिहासात :( | उपयोजक | 7 |
कविता - कविराज | Arun V.Deshpande | 1 |
उभा मी वाटेवरती | चांदणे संदीप | 2 |
कधीतरी | अनन्त्_यात्री | 5 |
हर दिन नया था हर | कर्नलतपस्वी | 7 |
हाक आभाळाची येता | अनन्त्_यात्री | 7 |
माझ काय चुकलं | कर्नलतपस्वी | 2 |